जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली। पश्चिमी जोन, दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने वायु प्रदूषण और धूल नियंत्रण के लिए सख्त कदम उठाते हुए अपने प्रयासों को तेज कर दिया है। कंटीन्यूअस एम्बिएंट एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग सिस्टम और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) द्वारा चिह्नित सड़कों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
एमसीडी ने पंजाबी बाग जैसे प्रमुख हॉटस्पॉट पर विशेष ध्यान देने के साथ, दैनिक आधार पर वाटर स्प्रिंकलर, मैकेनिकल रोड स्वीपर और एंटी-स्मॉग गन जैसे उन्नत उपकरणों के साथ कर्मचारी तैनात किए हैं। इसके अतिरिक्त, प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक इकाइयों की पहचान के लिए सात दिवसीय विशेष अभियान शुरू किया गया है।
इसके तहत प्रदूषण मानकों का उल्लंघन सुनिश्चित करने के लिए सख्त निगरानी और प्रवर्तन उपाय किए जा रहे हैं। 8 दिसंबर को, बापरोला में पांच जीन डाइंग (कपड़ा रंगाई) और एक बेकरी सहित 6 अत्यधिक प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों को सील कर दिया गया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इससे पहले, 6 दिसंबर को, पर्यावरण मंत्री मंजिंदर सिंह सिरसा की अध्यक्षता में एक उच्च-स्तरीय बैठक हुई थी, जिसमें मंत्री ने विशेष रूप से उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में धूल प्रदूषण को कम करने के लिए तत्काल और समन्वित कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया था।
शून्य सहनशीलता नीति
पश्चिमी जोन के उपायुक्त कर्नल विनोद अत्री ने प्रदूषण में योगदान देने वाले उद्योगों के प्रति शून्य सहनशीलता की नीति दोहराई। उन्होंने सड़कों को धूल मुक्त बनाने और उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करने पर बल दिया है। एमसीडी ने कहा है कि सरकारी एजेंसियों, प्रवर्तन टीमों और स्थानीय हितधारकों के बीच समन्वित प्रयासों से धूल के स्तर में उल्लेखनीय कमी आएगी। |