मेढ़ के सहारे विद्यालय पहुंचते बच्चे। फोटो जागरण
संवाद सूत्र, ओबरा (औरंगाबाद)। सरकार विद्यालयों की स्थिति में सुधार के लिए प्रयासरत है। शिक्षकों की कमी को दूर किया जा रहा है, लेकिन संसाधनों का अभाव अभी भी बना हुआ है। विद्यालय जाने के लिए कोई सड़क उपलब्ध नहीं है, जिसके कारण छात्र एवं छात्राएं मेढ़ के सहारे विद्यालय पहुंचते हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
बरसात के दिनों में मेढ़ से आवागमन बंद हो जाता है। यह स्थिति ओबरा प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय गम्हरिया की है। विद्यालय की मुख्य सड़क से दूरी लगभग 600 मीटर है। छात्र-छात्राएं और शिक्षक इसी मेढ़ के सहारे विद्यालय पहुंचते हैं।
समस्या की जानकारी सभी को है, लेकिन किसी ने विद्यालय तक रास्ता बनाने का प्रयास नहीं किया। विद्यालय में वर्ग एक से पांच तक की पढ़ाई होती है। ग्रामीणों के अनुसार, विद्यालय की स्थापना 1960 में हुई थी, जब गांव के सूरज सिंह ने इसके लिए जमीन दी थी।
प्रधानाध्यापक दयानंद कुमार ने बताया कि विद्यालय के पास एक एकड़ जमीन है, लेकिन रास्ते का निर्माण नहीं हो सका है। बरसात के दिनों में बच्चे मेढ़ से गिरते-पड़ते किसी तरह विद्यालय पहुंचते हैं।
विद्यालय में नामांकित छात्रों की संख्या 52 है, जिनमें से 30 से 40 छात्र-छात्राएं प्रतिदिन आते हैं। विद्यालय में चार कमरे हैं, लेकिन बरसात में पानी भर जाने पर आवागमन करना कठिन हो जाता है।
रास्ता न होने के कारण अधिकांश ग्रामीण अपने बच्चों का नामांकन नहीं कराते हैं। यदि रास्ता बनता है, तो बच्चों की संख्या में वृद्धि होगी। पंचायत चुनाव के दौरान विद्यालय में मतदान केंद्र भी रहता है। चार कमरों में पांच वर्ग के छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण करते हैं। |