अभिषेक द्विवेदी, महोबा। बुंदेली धरा कभी सूखे के लिए पहचानी जाती थी, लेकिन अब यहां हरा सोना उगाया जा रहा है। यहां उगाई जा रही ब्रोकली, पत्ता गोभी, बैगन, मिर्ची आदि महाराष्ट्र व मध्य प्रदेश के लोगों को भी भा रही है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
बेलाताल में करीब एक एकड़ में बनी मंडल की इकलौती सवा करोड़ लागत की हाईटेक नर्सरी में आधुनिक तरीके से वर्तमान में 60 हजार पौध उगाई जा रही है और इसमें जैविक तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है।
महाराष्ट्र की एनजीओ, झांसी, मऊरानीपुर, मध्य प्रदेश के छतरपुर, सागर के साथ ही जिले के विभिन्न ग्रामों से किसान यहां पहुंच रहे है और अब तक 25 हजार पौध की बुकिंग की जा चुकी है, जबकि नर्सरी की क्षमता डेढ़ लाख पौध उगाने की है।
महज कम दामों में यह पौध किसानों को दी जा रही है। जिससे वह इसकी पैदावार कर सकें और बेहतर मुनाफा कमा सकें।
अक्टूबर माह में कस्बा जैतपुर में चित्रकूट धाम मंडल बांदा की इकलौती हाईटेक नर्सरी की शुरूआत हुई। सवा करोड़ से बनी नर्सरी में मशीनों से सिंचाई और बोआई की सुविधा है।
यहां वातावरण ऐसा बनाया गया है कि सर्दी में गर्मी और गर्मी में सर्दी की सब्जी की फसलें उगाई जा सकती है। वर्तमान में यहां ब्रोकली, पत्ता गोभी, टमाटर, मिर्चा आदि की 60 हजार पौधे उगाई जा रही है। जिले ही नहीं मध्य प्रदेश के सागर, छतरपुर, महाराष्ट्र आदि जगहों के लोगों को यहां की सब्जियां भा रही है और करीब 25 हजार पौधों की बुकिंग हो चुकी है।
यदि किसान बीज देता है तो उसे 1.20 व विभाग यदि बीज देता है तो 2 रुपये में पौध दी जाएगी। इन्हें जैविक तरीके से तैयार किया जा रहा है। बेलाताल के किसान रघुवीर, सुरेश, कमालपुरा के दिनेश ने बताया कि हाईटेक नर्सरी में बेमौसम की फसलें भी उगाई जा रही है और बेहद कम दामों में पौध मिल रही है। किसानों के लिए यह नर्सरी बेहद लाभदायक है।
तरबूज, खरबूज, ककड़ी की शुरू हुई बोआई
गर्मी के दिनों में तरबूज, खरबूज व ककड़ी की खेती और बिक्री होती है। लेकिन हाईटेक नर्सरी में इनकी पौध उगाने की तैयारी की जा रही है। 10 दिसंबर से पौध की बोआई की जाएगी। एक माह बाद अन्य पौध की तरह यह भी तैयार होंगी। किसान नर्सरी से इन्हें ले जाकर जनवरी से खेतों में बोआई करेंगे और फरवरी तक फल आने लगेंगे।
नर्सरी की क्षमता डेढ़ लाख पौध की है। अभी 60 हजार पौध को उगाया जा रहा है। टमाटर, ब्राेकली, बैगन व मिर्ची के 25 हजार पौध की बुकिंग हो चुकी है। एक माह में पौध तैयार हो जाती है। महाराष्ट्र की एनजीओ, मध्य प्रदेश के छतरपुर, झांसी सहित जिले के विभिन्न गांवों के किसानों ने बुकिंग की है। 30-40 हजार बुकिंग की एक सप्ताह के अंदर बुकिंग और हो जाएगी। किसान यहां से पौध लेकर पैदावार कर बेहतर मुनाफा कमाएं।
-सुरेश कुमार, जिला उद्यान अधिकारी। |