कोटद्वार में सड़कों पर घूम रहा आवारा कुत्तों का झुंड। जागरण
अजय खंतवाल, जागरण कोटद्वार: सात दिन में 104 शिकार, फिर भी तंत्र चैन की चादर ओढ़े सोया है। यह आंकड़ा वन्य जीवों के हमलों का नहीं, बल्कि पौड़ी जिले के कोटद्वार क्षेत्र में लोगों पर आवारा कुत्तों के हमलों का है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
ऐसा नहीं कि आवारा कुत्तों के काटने के मामलों में अचानक यह बढ़ोत्तरी हुई है, लेकिन नगर निगम की ओर से इस दिशा में आज तक कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया गया। नतीजा, लोगों को घरों से बाहर निकलना भी मुश्किल होता जा रहा है।
कोटद्वार शहर समेत विकास नगर, लकड़ी पड़ाव, मानपुर, लालपानी, ध्रुवपुर, कलालघाटी, झंडीचौड़, बालासौड़ आदि क्षेत्रों में प्रतिदिन 15 से 20 लोग आवारा कुत्तों के हमलों का शिकार होकर बेस चिकित्सालय पहुंच रहे हैं।
पिछले एक सप्ताह में आवारा कुत्ते 104 लोगों को काट चुके हैं, जिन्होंने बेस चिकित्सालय में एंटी रैबीज के इंजेक्शन लगवाए। कुछ ऐसे भी हैं, जिन्होंने निजी क्लीनिकों में जाकर उपचार करवाया।
बावजूद इसके नगर निगम को मानो इसकी कोई परवाह ही नहीं है। उसे तो यह भी मालूम नहीं कि क्षेत्र में कितने आवारा कुत्ते हैं।
शासन में अटका है निगम का एबीसी सेंटर
निगम प्रशासन की ओर से हल्दूखाता पट्टी के उत्तरी झंडीचौड़ में खाता-खतौनी संख्या-118 के खेत-संख्या 106-क में 0.0823 हेक्टेयर भूमि का चयन एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर के लिए किया गया है।
निगम प्रशासन ने इस स्थान पर सेंटर निर्माण से संबंधित विस्तृत कार्ययोजना भी शासन में भेजी है, लेकिन बात इससे आगे नहीं बढ़ पाई।
वहीं, निगम प्रशासन की ओर से आवारा कुत्तों के टीकाकरण का कार्य करवाया जा रहा है। उन्हें रखने की कोई व्यवस्था फिलहाल निगम के पास नहीं है।
आवारा कुत्तों के भोजन-पानी के लिए नगर निगम क्षेत्र में स्थान चिह्नित कर दिए हैं। साथ ही आवारा कुत्तों के काटे जाने से संबंधित जानकारी के लिए निगम ने नोडल तैनात किए हैं। आवारा कुत्तों के सेल्टर हाउस की प्रक्रिया भी गतिमान है।
पीएल शाह, नगर आयुक्त, कोटद्वार नगर निगम
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