जागरण संवाददाता, उन्नाव। बिहार क्षेत्र के मुनऊखेड़ा निवासी हिस्ट्रीशीटर व गैंग्स्टर अतुल सिंह पिछले दो दशक से क्षेत्र में आतंक का पर्याय बना है। अपराध की दुनिया से जुड़ा तो पीछे मुड़कर नहीं देखा। हत्या का प्रयास, अवैध हथियार, बलवा, धमकी और अवैध वसूली, पुलिस पर हमले हैसे संगीन मामलों में वह कई बार जेल भी जा चुका है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
सितंबर 2024 में हिस्ट्रीशीटर अतुल सिंह हथकड़ी समेत थाना से भाग निकला था। लापरवाही बरतने वाले पुलिस कर्मियों को निलंबित किया गया था। बिहार के अलावा, रायरबेली, हमीरपुर, अमेठी व बांदा में उस पर 18 मुकदमे दर्ज हैं।
सर्वाधिक मुकदमे बिहार थाना में हैं। उसका भाई अर्पित सिंह भी अपराधी है। पुलिस ने उसकी भी हिस्ट्रीशीट खोल रखी है। पुलिस पर हमला कर वह भी कस्टडी से भाग चुका है।
मुनऊखेड़ा निवासी अतुल सिंह की वर्ष 2024 में हिस्ट्रीशीट खुली थी। इसी के बाद पुलिस ने उस पर गैंग्स्टर एक्ट में कार्रवाई की। वांछित होने से वह फरार था। पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। बारासगवर पुलिस ने 10 सितंबर 2024 को उसे जप्सरा गांव से पकड़ा और हथकड़ी लगा थाना लाया गया।
11 सितंबर की रात लघुशंका के बहाने यह गैंगस्टर हथकड़ी समेत पुलिस को गच्चा देकर भाग निकला था। बाद में उसने आत्मसमर्पण के लिए कोर्ट में अर्जी दी। हालांकि आत्मसमर्पण से पहले पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। आठ साल पहले भगवंतनगर चौकी प्रभारी आरएन सिंह हिस्ट्रीशीटर अतुल सिंह को पकड़ने उसके घर गए थे।
घर पर वह पड़ोसी गांव के कुछ लोगों के साथ मौजूद था। चाैकी प्रभारी ने जैसे ही उसे पकड़ा, आरोपित ने हमला कर घायल कर दिया और वहां से भाग निकला था। दारोगा खून से लथपथ हो वहां से लौटे थे।
कुछ माह बाद एक अन्य चौकी प्रभारी वीरेंद्र यादव ने 10 जुलाई 2020 को मुड़ियनखेड़ा के पास से अतुल सिंह को डेढ़ किलो चरस के अलावा एक तमंचा व चार जिंदा कारतूस के गिरफ्तार कर जेल भेजा था। सीओ बीघापुर मधुपनाथ मिश्र ने बताया कि अतुल बिहार थाने का हिस्ट्रीशीटर हैं।
हिस्ट्रीशीटर का भाई भी पुलिस पर हमला कर भाग चुका
हिस्ट्रीशीटर अतुल सिंह का भाई अर्पित सिंह को 13 जुलाई 2022 को बिहार पुलिस ने ग्राम मुड़ियनखेड़ा से पकड़ा था। उस दौरान अर्पित ने भी पुलिस कर्मियों से हाथापाई की थी। रात में वह लघुशंका के बहाने पुलिस कर्मियों को गच्चा देकर भाग निकला था।
अपराध की शुरुआत के बाद बढ़ाता गया नेटवर्क
पुलिस अभिलेख बताते हैं कि अतुल सिंह की आपराधिक गतिविधियों की शुरुआत दो दशक पहले हुई। शुरुआत में वह मारपीट और झगड़े जैसे मामलों में नामजद हुआ तो उसके हौसले बढ़े और वह अपना नेटवर्क बढ़ाता चला गया।
धीरे-धीरे उसके खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज होते चले गए। क्षेत्र में उसका प्रभाव बढ़ने के साथ ही उसके ऊपर दबंगई और अवैध वसूली के आरोप भी लगे। स्थानीय लोगों के अनुसार, एक समय ऐसा रहा जब गांव और आसपास के इलाके में अतुल सिंह का नाम सुनते ही लोग खामोश हो जाते थे। शिकायत करने से आज भी लोग कतराते हैं। |