नई दिल्ली। भारत का मेट्रो नेटवर्क जिस तेजी से बढ़ रहा है, वह शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर के डेवलपमेंट में गजब है। PIB की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले एक दशक में ऑपरेशन मेट्रो रास्ते 248 किमी से बढ़कर 1,000 किमी से अधिक हो चुके हैं। रोजाना मेट्रो से यात्रा करने वालों की संख्या भी 28 लाख से बढ़कर 1.1 करोड़ पार कर गई है। यह बदलाव दिखाता है कि भारतीय स्पीड, सुविधाजनक ट्रैवल की ओर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
सरकार अब मेट्रो प्रोजेक्ट को और सुव्यवस्थित करने के लिए शहरों से विस्तृत मोबिलिटी प्लान, यूनिफाइड ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी, आर्थिक व्यवहार्यता और निजी भागीदारी जैसी शर्तों पर काम करने की अपेक्षा कर रही है।
इसी माहौल में कुछ इंजीनियरिंग व निर्माण कंपनियां निवेशकों का ध्यान खींच रही हैं। वे जिनके पास बड़े प्रोजेक्ट संभालने का अनुभव, तकनीकी क्षमता और लगातार भागीदारी का रिकॉर्ड है। हम यहां आपको कुछ ऐसे 4 स्टॉक के बारे में बता रहे हैं जिन्हें मेट्रो के लिए ट्रैक बनाने का ठेका मिल रहा है। वह चाहे हवा में ब्रिज बनाने का हो या फिर जमीन के भीतर टनल हो।
1. लार्सन एंड टूब्रो (L&T) - सेक्टर का दिग्गज
L&T ने Q2 FY26 में हैवी सिविल और ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर सेगमेंट में स्थिर प्रगति दर्ज की है। मेट्रो और एलीवेटेड रूट्स पर सरकारी खर्च मजबूत बना हुआ है। हालांकि लंबी मानसून अवधि ने कुछ प्रोजेक्ट धीमे किए, लेकिन कंपनी को दूसरी छमाही में तेजी की उम्मीद है। कंपनी के इंफ्रास्ट्रक्चर सेगमेंट में लगभग ₹6.5 ट्रिलियन की प्रोजेक्ट संभावनाएं हैं। पिछले एक साल में L&T के शेयर में 8.9% की बढ़त दर्ज हुई है।
2. इरकॉन इंटरनेशनल - रेल विशेषज्ञ
रेल निर्माण में पारंगत इरकॉन ने Q2 में ₹2,112 करोड़ का राजस्व दर्ज किया। रेलवे और EPC प्रोजेक्ट इसके मुख्य स्तंभ हैं। कंपनी का ऑर्डर बुक ₹23,865 करोड़ पर मज़बूत है, जिसमें 91% घरेलू काम शामिल है। हालांकि, मार्जिन कुछ दबाव में हैं। पिछले एक वर्ष में इरकॉन के शेयर 27.4% टूटे हैं।
3. अफकॉन्स इन्फ्रास्ट्रक्चर - अंडरग्राउंड विशेषज्ञ
टनलिंग और कठिन भू-इंजीनियरिंग में प्रसिद्ध Afcons ने मेट्रो, रेल और टनल प्रोजेक्ट्स में अच्छा मोमेंटम दिखाया। विदेशी प्रोजेक्ट, खासकर अफ्रीका और मध्य पूर्व से मिलने से भी कंपनी की मौजूदगी मजबूत हुई है। लागत दबाव से मार्जिन प्रभावित हुए, पर कंपनी को दूसरी छमाही में सुधार की उम्मीद है। पिछले एक साल में Afcons के शेयर 16% गिरे हैं।
4. हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी (HCC) - टर्नअराउंड की उम्मीद
HCC ने मुंबई मेट्रो के भूमिगत स्टेशनों जैसे CST, कालबादेवी, गिरगांव और ग्रांट रोड का उद्घाटन कर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। पटना और इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट्स पर भी काम आगे बढ़ रहा है। हाइड्रो टनलिंग प्रोजेक्टों में भी प्रगति बनी हुई है। पिछले एक वर्ष में HCC का शेयर 16% नीचे रहा है।
चारों कंपनियों का वैल्यूएशन कितना है?
| कंपनी | EV/EBITDA | ROCE | | Larsen and Toubro | 17.1 | 14.50% | | Ircon International | 12.9 | 11.60% | | Afcon Infrastructures | 9.7 | 19.60% | | Hindustan Construction Company | 9 | 25.20% | | Industry Median | | 18.20% |
L&T अपने 10-वर्षीय औसत से ऊपर ट्रेड हो रहा है। इसकी स्केल और स्थिर ROCE के संकेत मिल रहे हैं। Ircon का मौजूदा मल्टिपल अपने ऐतिहासिक स्तर से बहुत ऊंचा है, जबकि रिटर्न मॉडरेट है। Afcons और HCC मजबूत ROCE के बावजूद अपने लंबे समय के औसत के आसपास वैल्यूएशन है।
किस वजह से फोकस में हैं ये स्टॉक
जैसे-जैसे मेट्रो विस्तार हो रहा है, टनल निर्माण तेजी से बढ़ रहा है। भीड़भाड़ वाले शहरों में ज़मीन की कमी और निर्बाध कॉरिडोर की जरूरत को भूमिगत रास्तों की ओर ले जा रही है। हिल-साइड रूट्स, मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी और बड़े शहरों में नए कॉरिडोर अब बड़ी मात्रा में टनलिंग पर निर्भर हैं। भूमिगत मार्गों से भूमि अधिग्रहण की परेशानी कम होती है और काम रफ़्तार से होता है। ऐसे में जटिल अंडरग्राउंड इंजीनियरिंग करने वाली कंपनियों की मांग लगातार बढ़ रही है।
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(डिस्क्लेमर: यहां शेयरों को लेकर दी गई जानकारी निवेश की राय नहीं है। चूंकि, स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है इसलिए निवेश करने से पहले किसी सर्टिफाइड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर से परामर्श जरूर करें।) |