पुलिस का उद्देश्य अवैध प्रवासियों की पहचान कर उन्हें डिटेंशन सेंटर में भेजना है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। लखनऊ में बड़े पैमाने पर बांग्लादेशी और रोहिंंग्या के सामने आने के बाद अब प्रदेश सरकार की ओर से मंडल मुख्यालयों पर डिटेंशन सेंटर खोलने के सरकार के निर्देश के बाद वाराणसी में सक्रियता बढ़ गई है। जल्द ही यहां रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को रखने के लिए डिटेंशन सेंटर तैयार किया जाएगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
बांग्लादेशी और रोहिंग्या प्रवासियों के साथ-साथ अन्य गैर कानूनी तरीके से रहने वालों की पहचान के लिए वाराणसी पुलिस ने अपनी जांच तेज कर दी है। इस विशेष अभियान के तहत एक सप्ताह तक झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोगों की जांच की जा रही है।
डीसीपी काशी जोन गौरव बंशवाल के अनुसार, शनिवार से शुरू हुए इस अभियान में पुलिस ने रेलवे लाइन के आस-पास बसी बस्तियों, सड़क किनारे लगी झुग्गियों और अन्य स्थानों पर रहने वालों की जांच के लिए विशेष टीमों का गठन किया है। इन टीमों द्वारा वहां रहने वालों के दस्तावेजों की जांच की जा रही है।
यदि कोई व्यक्ति गलत दस्तावेजों के जरिए अनधिकृत रूप से रह रहा पाया गया, तो उसके खिलाफ नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। सभी थानेदारों को अपने-अपने क्षेत्र में विशेष जांच दस्ते का गठन करने के निर्देश दिए गए हैं।
जंसा थाना प्रभारी अनिल कुमार शर्मा ने रविवार को झुग्गी-झोपड़ी में रहने वालों का सत्यापन करते हुए बताया कि सड़क के किनारे और सार्वजनिक स्थानों पर झुग्गी-झोपड़ी लगाकर रहने वाले लोगों की जांच की जा रही है। यदि किसी व्यक्ति पर संदेह होता है, तो उन्हें तत्काल अपने गृह जनपद लौटने का निर्देश दिया जा रहा है।
इसके साथ ही मकान मालिकों को भी किराए पर रहने वाले लोगों का सत्यापन कराने के लिए विशेष निर्देश दिए गए हैं। थाना प्रभारी ने कहा कि शासन के निर्देशों के अनुसार यह अभियान चलाया जा रहा है, और इसे जल्द ही पूरा करके शासन को अवगत कराया जाएगा।
इस विशेष अभियान का उद्देश्य वाराणसी में अवैध प्रवासियों की पहचान करना और उन्हें उचित कानूनी प्रक्रिया के तहत डिटेंशन सेंटर में स्थानांतरित करना है। पुलिस प्रशासन ने इस दिशा में ठोस कदम उठाते हुए जांच प्रक्रिया को तेज किया है। यह अभियान न केवल सुरक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह स्थानीय निवासियों के लिए भी एक सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने में सहायक होगा।
पुलिस द्वारा चलाए जा रहे इस अभियान में स्थानीय समुदाय की भागीदारी भी महत्वपूर्ण है। स्थानीय निवासियों को भी इस प्रक्रिया में सहयोग करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, ताकि अवैध प्रवासियों की पहचान में मदद मिल सके।
पुलिस प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि इस अभियान के दौरान किसी भी निर्दोष व्यक्ति को परेशान न किया जाए और सभी कार्य कानूनी प्रक्रिया के तहत किए जाएं। वाराणसी में डिटेंशन सेंटर की तैयारी और अवैध प्रवासियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान से यह स्पष्ट होता है कि सरकार और पुलिस प्रशासन इस मुद्दे को गंभीरता से ले रहे हैं।
यह कदम न केवल कानून व्यवस्था को बनाए रखने में सहायक होगा, बल्कि यह स्थानीय निवासियों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
इस अभियान के सफल कार्यान्वयन के लिए पुलिस प्रशासन ने सभी आवश्यक संसाधनों को जुटाने का आश्वासन दिया है। इसके साथ ही, स्थानीय निवासियों से भी अपील की गई है कि वे इस प्रक्रिया में सहयोग करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना पुलिस को दें। इस वाराणसी में अवैध प्रवासियों के खिलाफ चलाए जा रहे इस अभियान से एक सकारात्मक बदलाव की उम्मीद की जा रही है। |