जागरण संवाददाता, रांची। राजधानी के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर रविवार को इंडिगो एयरलायंस के काउंटर पर यात्रियों ने जमकर बवाल काटा। उनका कहना था कि उन्हें अब तक रिफंड नहीं मिल पाया है। इस दौरान अन्य यात्री विमानों के रीशिड्यूल और रिफंड के लिए पूछताछ करते दिखे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
गहमागहमी का माहौल था। इंडिगो एयरलायंस के पटना-रांची-पटना विमान (6ई 6902/6ई 925) और बेंगलुरु-रांची-पुणे विमान (6ई 221/6ई 6272) रद रहे।
विनय कुमार (यात्री के पिता) ने कहा कि मेरी बेटी व नाती को बेंगलुरु जाना है। मैंने इंडिगो एयरलायंस के विमान में छह दिसंबर का टिकट बुक कराया था। अचानक विमान रद कर दिया गया। नाती का स्कूल छूट रहा है। बेटी शादी समारोह में आई थी। अब उसे भी अकारण रहना पड़ रहा है। मैं रीशिड्यूल के लिए आया था।
काफी जद्दोजहद के बाद मुझे 10 दिसंबर का टिकट दिया गया। आठ दिसंबर को चेन्नई के लिए वाया हैदराबाद का टिकट दिया जा रहा था, लेकिन इसमें मुझे परेशानी नजर आई।
ऐसा नहीं कि हैदराबाद जाएं और वहां सामान भी रख लें, जैसा कि अन्य यात्रियों के साथ किया जा रहा है। 10 दिसंबर को रांची से बेंगलुरु के लिए डायरेक्ट फ्लाइट है। इन दिनों कुछ इसी तरह की परेशानी से इंडिगो के यात्री गुजर रहे हैं।
तीन दिनों से होटल में रुका हूं, अब आठ को यात्रा की अनुमति
कैलाश सुखवाल, एक अन्य यात्री ने बताया कि उन्हें अहमदाबाद जाना है। उनका पांच दिसंबर का टिकट था, लेकिन पिछले तीन दिनों से होटल में रुका हूं। आज बिरसा मुंडा एयरपोर्ट स्थित इंडिगो एयरलायंस के काउंटर पर पहुंचा तो मेरा टिकट आठ दिसंबर के लिए रीशिड्यूल किया गया है। फिर भी यह कंफर्म नहीं किया गया कि आठ दिसंबर को रांची-अहमदाबाद विमान है या नहीं। आठ दिसंबर को ही यह कंफर्म हो पाएगा कि उस दिन रांची से अहमदाबाद जाने वाला विमान है या नहीं। मैं निजी काम से अहमदाबाद से रांची आया था।
यात्रियों को पूरा रिफंड और क्षतिपूर्ति मिले
इंडिगो एयरलाइंस द्वारा देशभर में उड़ानों की अचानक कैंसिलेशन से यात्रियों, व्यापार जगत और उद्यमों को गंभीर असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। केवल चार दिनों में लगभग तीन लाख यात्री प्रभावित हुए हैं, जिनमें झारखंड के हजारों व्यापारी, कामगार, छात्र और मरीज शामिल हैं।
यह स्थिति कोविड के बाद की सबसे बड़ी विमानन अव्यवस्था के रूप में सामने आई है। इतनी बड़ी संख्या में उड़ानों की कैंसिलेशन, उचित पूर्व सूचना और विकल्प दिए बिना करना अत्यंत गैर-जिम्मेदाराना कदम है। एयरलाइंस द्वारा किराए में अचानक कई गुना वृद्धि कर यात्रियों को आर्थिक रूप से परेशान करना किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है।
यह स्थिति व्यापारिक गतिविधियों, पर्यटन, और इमरजेंसी यात्रा पर गंभीर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है। तत्काल हस्तक्षेप कर आपरेशंस को सामान्य करने की समयबद्ध कार्ययोजना सुनिश्चित करे।
हम सरकार, डीजीसीए और संबंधित प्राधिकरणों से आग्रह करते हैं कि ऐसी मनमानी पर रोक लगाने के लिए तत्काल प्रभावी कदम उठाए जाएं ताकि भविष्य में ऐसी अव्यवस्था दोबारा उत्पन्न न हो। -दिनेश प्रसाद साहू, चेयरमैन, सिविल एविएशन उप समिति, झारखंड चेंबर।
रिफंड के पैसे खाते में नहीं आए
विमान रद होने पर अपना टिकट कैंसिल कराने पहुंचे यात्री मोहित रोशन श्रीवास्तव ने कहा कि मैं दिल्ली में जाब करता हूं। मैंने एजेंट से कहा है कि राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन में तत्काल टिकट कराकर दीजिए।
नौकरी करने तो जाना है। अब वर्क फ्राम होम का जमाना चला गया। कोविड चला गया। अब हम क्या कर सकते हैं। इंडिगो को जवाब देना चाहिए। इंडिगो के सीईओ को जवाब देना चाहिए। मैंने रिफंड करने के लिए कहा है, लेकिन अब तक पैसा मेरे खाते में वापस नहीं आया है।
इंडिगो एयरलायंस के कर्मियों ने आश्वासन दिया है कि जिस बैंक खाते से आनलाइन भुगतान किया है, उसी बैंक खाते में रिफंड की राशि वापस भेजी जाएगी। पिछले साल भी इंडिगो एयरलायंस की ओर से रिफंड के लिए कहा था, लेकिन एक साल बाद भी पैसा बैंक खाते में वापस नहीं आया।
विमान का करेंट स्टेटस भी नहीं बताया जा रहा
रोहित प्रकाश पत्नी आशा व छोटी बेटी के साथ रांची से बेंगलुरु जाने के लिए बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पहुंचे थे। सुबह नौ बजे रांची से बेंगलुरु की फ्लाइट थी। संबंधित विमान का करेंट स्टेटस भी नहीं बताया जा रहा है। इंडिगो एयरलायंस के काउंटर पर बैठे कर्मी अभी भी बता रहे हैं कि दोपहर बाद 02:45 बजे फ्लाइट उड़ान भरेगी।
सोमवार व मंगलवार को रांची से बेंगलुरु के लिए इंडिगो के विमान में टिकट नहीं मिल रहा है। एयर इंडिया के रांची-बेंगलुरु का किराया 15 हजार रुपये है। अब इतना पैसा देकर कोई फैमिली नहीं जाएगी।
आशा ने कहा कि मुझे आफिस ज्वाइन करना था। काफी आग्रह करने के बाद मुझे एक सप्ताह का वर्क फ्राम होम मिला था। अब पता नहीं आफिस में लोगों को क्या समझाएंगे कि हम इस सप्ताह भी नहीं आ पाएंगे। अब विमान से जा नहीं पाएंगे और ट्रेन से गए तो 36 घंटे तो बच्ची को संभाल नहीं पाऊंगी। ट्रेन में आप काम भी नहीं कर पाएंगे।
विलंब से पहुंचने वाले विमान
विमानों के विलंब से पहुंचने और उड़ान भरने की स्थिति भी यात्रियों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। पुणे-रांची (6ई 6484) विमान 2 घंटे 29 मिनट विलंब से पहुंचा।
वहीं, रांची-बेंगलुरु (6ई 6799) विमान 06 घंटे 20 मिनट विलंब से उड़ान भरा। अन्य विमानों में रांची-दिल्ली (6ई 576) 19 मिनट, रांची-हैदराबाद (6ई 398) 16 मिनट, रांची-दिल्ली (आइएक्स 1047) 34 मिनट, रांची-मुंबई (आइएक्स 1238) 31 मिनट, रांची-दिल्ली (आइएक्स 1049) 19 मिनट, और रांची-दिल्ली (6ई 2294) 29 मिनट विलंब से उड़ान भरे।
विलंब से उड़ान भरने वाले विमान
- रांची-दिल्ली (आइएक्स 1053) 19 मिनट
- रांची-दिल्ली विमान (6ई 6031) 18 मिनट
- रांची-कोलकाता विमान (6ई 7235) 23 मिनट
- रांची-हैदराबाद विमान (6ई 191) 18 मिनट
- रांची-दिल्ली विमान (आइएक्स 1056) 44 मिनट
- रांची-चेन्नई विमान (6ई 209) 22 मिनट
- रांची-अहमदाबाद विमान (6ई 6184) 30 मिनट
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