सत्यजीत पटनायक।
जासं, चाईबासा। स्थानीय और छोटे व्यापारियों को डिजिटल मंच उपलब्ध कराने के उद्देश्य से चाईबासा के युवा सत्यजीत पटनायक ने एक नया मोबाइल एप ‘फ्यडो’ (FYDO) विकसित किया है। यह एप दुकानदारों को सीधे ग्राहकों से जोड़ता है और अपने ऑफर, डिस्काउंट तथा सेवाओं को एक ही क्लिक में साझा करने की सुविधा देता है। वर्तमान में फ्यडो एप को पांच राज्यों के 20 शहरों में लॉन्च किया गया है और अब तक 10 हजार से अधिक ग्राहक इससे जुड़ चुके हैं। सत्यजीत के अनुसार, छोटे शहरों के दुकानदारों को अक्सर अपने ऑफर और स्कीम्स ग्राहकों तक पहुंचाने में कठिनाई होती है। फ्यडो इसी समस्या का समाधान है। किसी भी दुकानदार द्वारा एप को अपने स्थायी ग्राहक के मोबाइल में डाउनलोड कराने पर, उसके द्वारा जारी किए गए सभी ऑफर और डिस्काउंट उस ग्राहक को तुरंत मिल जाते हैं।
बिना किसी अतिरिक्त खर्च के व्यापार का होगा प्रसार इस तरह दुकानदार बिना किसी अतिरिक्त खर्च के अपने व्यापार का प्रचार-प्रसार कर सकते हैं। कपड़ा, किराना, कॉस्मेटिक, फल-सब्जी, होटल तथा अन्य सभी छोटे-बड़े व्यवसायी इस एप का उपयोग कर सकते हैं। प्रत्येक पंजीकृत दुकानदार को एक अलग कोड दिया जाता है, जिसके माध्यम से वह अपने ग्राहकों को रियल-टाइम ऑफर भेज सकता है। ग्राहक चाहे तो दुकान पर जाकर या ऑनलाइन बुकिंग कर सामान मंगवा सकता है।
साउथ कोरिया के ग्लोबल स्टार्टअप फेस्टिवल 2025 में करेगा भारत का प्रतिनिधित्व
फ्यडो एप की बढ़ती लोकप्रियता और इसके नए बिजनेस मॉडल को देखते हुए भारत सरकार ने इसे साउथ कोरिया के ‘COMEUP Global Startup Festival 2025’ के लिए चयनित किया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें सत्यजीत ने बताया कि यह प्रतिष्ठित फेस्टिवल दुनिया के सबसे बड़े इनोवेशन प्लेटफॉर्म्स में से एक है, जिसमें 60 से अधिक देशों के स्टार्टअप्स, इन्वेस्टर्स और कॉर्पोरेट लीडर्स शामिल होते हैं। फ्यडो को उन 10 भारतीय स्टार्टअप्स में शामिल किया गया है, जिन्हें भारत सरकार स्टार्टअप इंडिया और DPIIT के सहयोग से अंतरराष्ट्रीय मंच पर भेज रही है। यह अवसर सत्यजीत को विदेशी निवेशकों, वेंचर कैपिटलिस्ट्स और ग्लोबल कंपनियों से सीधे जुड़ने का मौका देगा।
चाईबासा से भुवनेश्वर तक का सफर सत्यजीत ने अपनी शुरुआती पढ़ाई संत विवेकानंद इंग्लिश स्कूल, चाईबासा से की। 12वीं की पढ़ाई उन्होंने कन्सेप्ट पब्लिक स्कूल, चक्रधरपुर से पूरी की। इसके बाद उच्च शिक्षा के लिए भुवनेश्वर गए और वहीं से अपने स्टार्टअप सफर की शुरुआत की। उनके पिता धर्मचंद्र पटनायक कोल्हान आयुक्त कार्यालय से सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं। |