राज्य ब्यूरो, लखनऊ। स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने कफ सीरप कांड की तह तक जाने के लिए वाणिज्य कर विभाग से सत्यापित रिकार्ड मांगा है। एसटीएफ ने अपने स्तर से जीएसटी से संंबधित काफी दस्तावेज बरामद किए हैं। अभी तक की जांच में यह बात सामने आइ है कि आरोपितों ने कई बार फर्जी ईवे बिल के जरिए कोडिन युक्त कफ सीरप की सप्लाई की है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
कफ सीरप कांड की जांच में एसटीएफ और ईडी के अलावा अब वाणिज्य कर विभाग भी शामिल हो गया है। वाणिज्य कर विभाग द्वारा आरोपितों की फर्मों की जानकारी जांच एजेंसियों को उपलब्ध जा रही है। साथ ही संबंधित फर्मों द्वारा कौन-कौन से देशों, राज्यों व जिलों में कफ सीरप की सप्लाई की जाती थी इसकी सही जानकारी जुटाई जा रही है।
गिरफ्तार आरोपितों से पूछताछ में मिली जानकारी व दस्तावेजों का मिलान भी वाणिज्य कर विभाग द्वारा किया जा रहा है। आरोपितों की फर्मों से कितने डिस्ट्रीब्यूटर व दवा कारोबारियों को कफ सीरप भेजा जाता था इसकी सटीक जानकारी जीएसटी के दस्तावेजों से मिलेगी।
जीएसटी के सूत्रों के अनुसार अभी तक 300 से ज्यादा दवा कारोबारियों को कफ सीरप की सप्लाई की जानकारी जुटाई जा चुकी है। इनमें बांग्लादेश, पश्चिम बंगाल, झारखंड, उत्तराखंड सहित उत्तर प्रदेश के कई जिलों के कारोबारी शामिल हैं।
वाणिज्य कर विभाग से पूरा रिकार्ड मिलने के बाद जांच एजेंसियां संबंधित दवा कारोबारियों की दुकानों का भौतिक सत्यापन करेंगी।
फर्जी ईवे बिलों के जरिए उन कारोबारियों को कफ सीरप की सप्लाई की गई है जिनका कोई व्यापारिक स्थल ही नहीं है। ईवे बिल और रूट की जांच में टोल प्लाजा से वाहनों के नंबरों का मिलान किया जाएगा। एसटीएफ को अभी तक की पूछताछ में यह जानकारी मिली है कि जिन वाहनों के नंबर ईवे बिलों पर डाले गए हैं उनमें से कई वाहन संबंधित रूटों पर गए ही नही।
ईडी को जवाब भेजने का आज अंतिम दिन
ईडी ने कफ सीरप मामले में मुख्य आरोपित शुभम जायसवाल सहित गौरव, वरुण, विकास, आसिफ, वासिफ, विकास सिंह नरवे समेत 30 से ज्यादा आरोपियों को समन भेजा है। इन्हें जवाब देने के लिए आठ दिसंबर तक का समय दिया गया है। |