उपभोक्ताओं को बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त प्रयास किए जा रहे हैं।
जासं, अनपरा (सोनभद्र)। प्रदेश में ठंड के बढ़ते प्रभाव के कारण बिजली की मांग और खपत में 10 हजार मेगावाट का अंतर उत्पन्न हो गया है। रविवार को प्रदेश में बिजली की अधिकतम मांग 20456 मेगावाट तथा न्यूनतम मांग 10828 मेगावाट के आसपास बनी रही। मौसम विभाग ने आगे भी तापमान में कमी का संकेत दिया है लिहाजा आगे भी बिजली की मांग में कमी आने की उम्मीद है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इस स्थिति को देखते हुए, शीर्ष ऊर्जा प्रबंधन के निर्देशानुसार अनपरा की 500 मेगावाट क्षमता वाली एक इकाई और एमईआइअएल एनर्जी अनपरा की 600 मेगावाट क्षमता वाली एक इकाई को पिछले एक माह से ओवरहालिंग के लिए बंद किया गया है। प्रबंधन की ओर से यह आशा जताई गई है कि जल्द ही दोनों इकाइयों से विद्युत उत्पादन प्रारंभ किया जाएगा।
प्रदेश में स्थित निगम एवं निजी क्षेत्र की विद्युत इकाइयाँ मांग के अनुरूप अपनी पूर्ण क्षमता से विद्युत उत्पादन कर रही हैं। इस समय, ठंड के कारण बिजली की मांग में वृद्धि हुई है, जिससे उपभोक्ताओं को बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त प्रयास किए जा रहे हैं।
बिजली की इस मांग और खपत के अंतर को कम करने के लिए, ऊर्जा विभाग ने विभिन्न उपायों पर विचार करना शुरू कर दिया है। इसके अंतर्गत, मौजूदा इकाइयों की क्षमता को बढ़ाने और नई इकाइयों की स्थापना पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। इसके अलावा, ऊर्जा संरक्षण के उपायों को भी लागू किया जा रहा है ताकि बिजली की खपत को नियंत्रित किया जा सके।
प्रदेश में बिजली की स्थिति को सुधारने के लिए, ऊर्जा विभाग ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे बिजली का विवेकपूर्ण उपयोग करें। इसके साथ ही, विभाग ने यह भी सुनिश्चित किया है कि विद्युत आपूर्ति में किसी प्रकार की बाधा न आए।
ठंड के मौसम में बिजली की मांग में वृद्धि के बावजूद, ऊर्जा प्रबंधन ने स्थिति को संभालने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं। आने वाले दिनों में, उम्मीद की जा रही है कि दोनों इकाइयों से विद्युत उत्पादन प्रारंभ होने के बाद, बिजली की उपलब्धता में सुधार होगा और उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी। प्रदेश में बिजली की मांग और खपत के बीच का यह अंतर, ऊर्जा प्रबंधन की सक्रियता और उपभोक्ताओं के सहयोग से कम किया जा सकेगा। |