नई दिल्ली। एसआईपी के जरिए आप किस्तों में पैसा निवेश कर सकते हैं। इसके साथ ही निवेश रकम को कितना भी बढ़ाया जा सकता है। वित्तीय परेशानी आने पर इसे रोका भी जा सकता है। इस तरह से एसआईपी में आपको कई तरह की सहूलियत मिल जाती है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इसलिए म्यूचुअल फंड एसआईपी निवेशकों का पसंदीदा निवेश विकल्प बन गया है। आज हम एसआईपी कैलकुलेशन की मदद से समझेंगे कि 20 साल के लिए अगर हर महीने 2000 रुपये की एसआईपी की जाए तो आपका कितना फंड बनकर तैयार होगा?
कैलकुलेशन
- निवेश रकम- 2000 रुपये हर महीने
- निवेश रिटर्न- 12 फीसदी
- निवेश अवधि- 20 साल
अगर कोई व्यक्ति 20 साल के लिए हर महीने 2000 रुपये की एसआईपी करता है, तो 12 फीसदी रिटर्न के हिसाब से 19,98,000 रुपये मिलेंगे। इन 20 सालों में आपका केवल मूलधन ही 19,98,000 रुपये हो जाएगा। इन 20 सालों में आपको केवल रिटर्न ही 15,18,000 रुपये मिल सकता है।
कौन-से रिस्क फैक्टर्स का रखें ध्यान
बेटा (Beta)
अगर ये बेंचमार्क 1 से कम हो, तो आपके द्वारा चुना गया फंड कम जोखिम वाला है। वहीं अगर ये एक से ज्यादा हो तो इसे रिस्की माना जाता है।
स्टैंडर्ड डेविएशन (Standard Deviation)
जब हम किन्हीं दो फंड्स की तुलना करते हैं, उस समय स्टैंडर्ड डेविएशन देखा जाता है। इसका प्रतिशत जितना कम हो, फंड को उतना कम जोखिम वाला माना जाता है। मान लीजिए एक फंड का स्टैंडर्ड डेविएशन 5 फीसदी है और दूसरे का 10 फीसदी, तो पहला फंड कम जोखिम वाला होगा।
शार्प रेश्यो (Sharpe Ratio)
शार्प रेश्यो के जरिए आप म्यूचुअल फंड में जोखिम का आराम से पता लगा सकते हैं। अगर शार्प रेश्यो 1.00 से कम है, तो रिस्क कम होगा। अगर यहीं शार्प रेश्यो 1.00 से 1.99 के बीच है, तो रिस्क सामान्य रहेगा। ऐसे ही अगर शार्प रेश्यो 2.00 से 2.99 है, तो रिस्क काफी हाई रहेगा।
अगर शार्प रेश्यो 3 से भी ज्यादा है, तो ऐसे फंड में रिस्क बहुत ज्यादा हाई रहता है।
(डिस्क्लेमर: यहां म्यूचुअल फंड पर दी गयी जानकारी निवेश की सलाह नहीं है। जागरण बिजनेस निवेश की सलाह नहीं दे रहा है। म्यूचुअल फंड में जोखिम हो सकता है इसलिए निवेश करने से पहले किसी सर्टिफाइड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर से परामर्श जरूर करें।) |