जागरण संवाददाता, गाजीपुर। कोडिनयुक्त कफ सीरप तस्करी गिरोह के सरगना शुभम जायसवाल के प्रसारित वीडियो में उसने दावा किया है कि गाजीपुर के अधिकारी कह रहे हैं कि फर्जी बिलिंग हुई है, जबकि जिन फर्मों को उसने अपनी फर्म शैली ट्रेडर्स से सप्लाई दिया वह वैध हैं और उनके यहां सीरप की शीशियां भी पहुंची है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
बताया है कि उन्हीं फर्मों के नाम पर बीएसटी बना है। वहीं औषधि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जिले की आठ फर्मों के नाम से करीब सात लाख शीशियों की बिलिंग हुई है, लेकिन जांच में उनके यहां कोई स्टाक नहीं मिला।
अब यह मामले सामने आने के बाद एसआइटी ने भी अपनी जांच का दायरा बढ़ा दिया है। इनकी जांच प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा कि कौन सही है और कौन गलत।
झारखंड के राची स्थित शैली ट्रेडर्स से जिले की आठ फर्मों ने कोडिनयुक्त कफ सीरप की करीब सात लाख से अधिक शीशी की खरीद विक्री की गई है। औषधि प्रशासन लखनऊ के निर्देश पर जब औषधि निरीक्षक बृजेश मौर्या जांच करने पहुंचे थे तो उन्हें ना तो एक भी शीशी मिली और ना ही कोई स्टाक।
इसके बाद उन्होंने छह फर्मों पर फर्जी बिलिंग की एफआइआर दर्ज कराई। आशंका व्यक्त की गई कि इन फर्मों के नाम से बिलिंग तो हुई है, लेकिन शीशी यहां पहुंची ही नहीं, उसे बाहर-बाहर किसी अन्य जगह सप्लाई कर दिया गया।
वहीं दो अन्य फर्मों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है, उचित जवाब नहीं मिलने पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक ने एसआइटी गठित कर दी।
इसमें पांच टीमें है, जो प्राथमिकता से जांच कर रही है। वहीं शुक्रवार को इसका मुख्य आरोपित शुभम जायसवाल का एक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित होने लगा। उसकी वीडियो में कितनी सच्चाई है, यह एसआइटी की जांच के बाद भी स्पष्ट हो सकेगा।
फर्मों को नोटिस जारी किया गया था। इसके बाद तीन ने जवाब दिया है, जो संतोषजनक नहीं है। दोबारा सभी से जवाब मांगा गया है।
बृजेश मौर्या, औषधि निरीक्षक |