अमरपुर बाइपास के निर्माण कार्य में तेजी
संवाद सहयोगी, अमरपुर (बांका)। करीब पांच दशक से जाम की भीषण समस्या से जूझ रहे अमरपुरवासियों के लिए राहत भरी खबर सामने आई है। लंबे समय से लंबित अमरपुर बाइपास निर्माण परियोजना अब अंतिम चरण की ओर बढ़ रही है। 74 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले लगभग सात किलोमीटर लंबे बाइपास को लेकर प्रशासनिक प्रक्रिया तेजी पकड़ चुकी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
बाइपास का निर्माण कुल्हड़िया चौक (राज्य पथ–25) से चपरी मोड़ होते हुए दिग्घी पोखर और सिहुड़ी मोड़ (राज्य पथ–25) तक निर्धारित है। मार्ग में जहां-जहां सरकारी भूमि उपलब्ध थी, वहां मिट्टी कार्य एवं कालीकरण की प्रारंभिक कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है। हालांकि रैयती भूमि के अधिग्रहण के अभाव में कार्य अटका हुआ था, लेकिन अब इसमें भी स्पष्ट प्रगति देखी जा रही है।
बैजूडीह में आठ एकड़ जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज
प्रशासन ने बैजूडीह एवं सिहुड़ी मौजा की रैयती जमीन के अधिग्रहण के लिए प्रारंभिक अधिसूचना जारी कर दी गई है। अधिसूचना के अनुसार बैजूडीह मौजा में कुल 85 खेसरा चिन्हित किए गए हैं, जिसमें आठ एकड़ से अधिक भूमि शामिल है।
इनमें छह खेसरा सरकारी, जबकि 48 खसरा रैयती जमीन के हैं। इसी प्रकार सिहुड़ी मौजा में कुल 31 खेसरा अधिग्रहण के लिए चयनित किए गए हैं, जिनमें 12 सरकारी एवं 19 रैयती खेसरा शामिल हैं।
दोनों मौजा के कुल 67 रैयतों को मुआवजा भुगतान प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी भू-अर्जन कार्यालय द्वारा की जा रही है। रैयतों के नाम, खाता, खेसरा संख्या तथा अधिग्रहित की जाने वाली भूमि का विवरण प्रारंभिक सूचना प्रकाशित किया गया है।
अमरपुर बाइपास निर्माण को लेकर राज्य एसआईएस संस्थान द्वारा किए गए सामाजिक प्रभाव मूल्यांकन में यह निष्कर्ष दिया गया है कि बाइपास से स्थानीय लोगों की जीवनशैली पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
यातायात में सुगमता, जाम की समस्या से मुक्ति, कृषि उत्पादन में वृद्धि, शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाओं तक बेहतर पहुंच और आपातकालीन सेवाओं में सुधार जैसे कई लाभ उजागर किए गए हैं।
ज्ञात हो कि लगभग एक दशक पूर्व तत्कालीन विधायक जनार्दन मांझी ने अमरपुर में बढ़ते जाम को देखते हुए बाइपास प्रस्ताव को राज्य स्तर पर मजबूती से रखा था। उसके बाद वर्तमान विधायक एवं पूर्व भवन निर्माण मंत्री जयंत राज कुशवाहा ने तीन वर्ष पूर्व इसकी आधारशिला रखकर परियोजना को नई गति दी। आज यह परियोजना मूर्त रूप लेती दिखाई दे रही है। |