इंडिगो की उड़ानों में बाधाओं का कारण आइआरओपीएस नियम हैं। जागरण
मुकेश ठाकुर, नई दिल्ली। पिछले पांच दिनों से इंडिगो की फ्लाइट्स में जो दिक्कत आ रही है, वह इर्रेगुलर ऑपरेशंस (IROPS) नियमों की वजह से और बढ़ गई है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि 1 दिसंबर को पूरे देश में सख्त IROPS नियम लागू होने और एयरलाइन के अपने रोस्टर (ड्यूटी चार्ट) को समय पर अपडेट न करने की वजह से यह दिक्कत आई, जिससे FDTL (फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन) की वजह से क्रू की कमी से यह दिक्कत और बढ़ गई। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
नियमों की सख्ती, सेफ्टी को प्राथमिकता
DGCA के नियमों के मुताबिक, कोहरे वाले इलाकों में उड़ान भरने के लिए पायलटों के लिए खास ट्रेनिंग जरूरी है। सिर्फ उन्हीं पायलट और को-पायलट को एयरक्राफ्ट उड़ाने की इजाजत है, जिन्होंने घने कोहरे में लैंडिंग और टेकऑफ के लिए खास ट्रेनिंग (आमतौर पर CAT 2 और CAT 3 ट्रेनिंग) ली हो। दोनों पायलट (कमांडर और को-पायलट) का ट्रेंड होना जरूरी है।
अगर कोई भी पायलट अनट्रेंड है, तो फ्लाइट ऑपरेशन नहीं किए जा सकते। यह कोहरे से सुरक्षा का एक मजबूत तरीका है जो सुरक्षित हवाई यात्रा पक्का करता है। इसे उन हालातों से निपटने के लिए डिज़ाइन किया गया है जहां फ्लाइट तय समय पर नहीं चल पातीं, जैसे कोहरे की वजह से देरी, फ़्लाइट कैंसल होना, या फ़्लाइट का डायवर्जन। यह नियम खास तौर पर उन शहरों पर लागू होता है जहां सुबह और देर रात को बहुत ज्यादा कोहरा होता है।
IROPS एक कोहरे सेफ्टी का तरीका
इंडिगो के लगभग 70% पायलट Cat. 2 और Cat. 3 ट्रेंड हैं। IROPS लागू होने के बाद, एयरलाइन को अपने रोस्टर में बदलाव करना होगा ताकि बिना ट्रेनिंग वाले Cat. 2 और Cat. 3 पायलटों को उन इलाकों में भेजा जा सके जहाँ कोहरे का असर नहीं होता। 1 दिसंबर को IROPS लागू होने से ट्रेंड पायलटों की काफ़ी कमी हो गई। |