उच्च शिक्षा के लिए जाना पड़ता है 60 किमी दूर
बीरबल महतो,ठाकुरगंज (किशनगंज)। सीमावर्ती प्रखंड ठाकुरगंज में उच्च शिक्षा की सुविधा का अभाव अब भी बना हुआ है। यहां अंगीभूत सरकारी डिग्री कॉलेज की स्थापना नहीं हो पाई है। जिस कारण स्नातक स्तर की पढ़ाई करने वाले छात्रों को 60 किमी अधिक दूर जाकर पढ़ाई करनी पड़ती है। जबकि इससे बालिकाओं की शिक्षा भी प्रभावित हो रही है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
ठाकुरगंज प्रखंड में केवल एक वित्तपोषित मु. हुसैन आजाद नेशनल डिग्री कालेज ही संचालित है। यह कॉलेज निजी प्रबंधन के तहत सीमित संसाधनों में शिक्षा प्रदान कर रही है। लेकिन इसकी स्थिति भी चिंताजनक है।
14 वर्षों से सरकारी अनुदान नहीं
कॉलेज के शिक्षक और कर्मियों को पिछले 14 वर्षों से सरकारी अनुदान नहीं मिला, जिससे नियमित पठन-पाठन कार्य कई बार बाधित होता रहा है। अनुदान के अभाव में संस्थान बुनियादी सुविधाओं, प्रयोगशाला, पुस्तकालय तथा स्थायी शिक्षकों की उपलब्धता जैसी चुनौतियों से जूझ रहा है।
स्थानीय शिक्षाविदों, सामाजिक संगठनों और जनप्रतिनिधियों ने कई बार सरकार से वित्तपोषित डिग्री कॉलेज की मांग की जा रही है। लेकिन इस दिशा में पहल नहीं हो पा रहा है।
दूर शहरों में जाने से आर्थिक परेशानी
छात्र विनीत कुमार, अभिषेक कुमार, दिनेश कुमार ने बताया कि कालेज के अभाव में किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, अररिया जैसे शहरों का रुख करना पड़ता है। उच्च शिक्षा के लिए दूर शहरों में जाने से आर्थिक परेशानी भी होती है।
परिवहन खर्च, किराया, भोजन और बाहर रहने का अतिरिक्त खर्च कई परिवार का उठाना पड़ता है। छात्र कार्तिक कुमार, सूरज कुमार ने बताया कि आर्थिक मजबूरियों के कारण 12वीं के बाद आगे की पढ़ाई छोड़ने की मजबूरी बन जाती है।
बेटियों की शिक्षा पर पड़ रहा सबसे गंभीर प्रभाव
ग्रामीण इलाकों की बेटियों के सामने लंबी दूरी की यात्रा सबसे बड़ी बाधा है। सुरक्षा, परिवहन की कमी और सामाजिक कारणों से माता-पिता अपनी बेटियों को दूर शहरों में पढ़ने भेजने से कतराते हैं। इसके कारण कई प्रतिभाशाली छात्राएं उच्च शिक्षा से वंचित रह जाती हैं।
अभिभावकों सुरेश प्रसाद, मु. अशरफ का कहना है कि यदि सरकार शीघ्र पहल करे और ठाकुरगंज में सरकारी डिग्री कालेज की स्थापना करे, तो क्षेत्र की शिक्षा व्यवस्था में व्यापक सुधार संभव है। इससे स्थानीय युवाओं को गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा मिलेगी, साथ ही क्षेत्र में पुस्तकालय, कोचिंग, रोजगार और अन्य शैक्षणिक गतिविधियों का विकास भी तेजी से होगा।
मामले में विधायक गोपाल कुमार अग्रवाल ने कहा कि इस दिशा में सरकार से पहल का अनुरोध किया गया है। जल्द ही सकारात्मक परिणाम दिखेगा। |