deltin33 • 2025-12-5 21:08:44 • views 588
नैनीताल हाई कोर्ट. File Photo
जागरण संवाददाता, नैनीताल। हाई कोर्ट ने रामनगर में कार्बेट नेशनल पार्क से सटे सुंदरखाल सहित उत्तराखंड के राज्य के वन क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीणों को विस्थापित करने के मामले पर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की।
कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार को वन क्षेत्रों में रह रहे लोगों के दावों व उनके अधिकारों की सुनवाई के लिए गठित कमेटी में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्यों को भी शामिल किया करने के निर्देश दिए हैं। ताकि उनको वनाधिकार कानून के तहत पट्टे प्राप्त हो सके और मूलभूत सुविधाएं मिल सके। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
पूर्व में कोर्ट ने पूछा था कि 2014 में इन लोगों के विस्थापन के लिए बनाई गई कमेटी के निर्णय पर राज्य सरकार ने अब तक क्या निर्णय लिया है।
शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी नरेंद्र व न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ में इंडिपेंडेंट मीडिया सोसाइटी की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें कहा गया है कि नैनीताल जिले के सीटीआर से सटे सुंदरखाल में वर्ष 1975 से रह रहे ग्रामीणों को बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। सालों से सुंदरखाल के ग्रामीण विस्थापन की मांग राज्य सरकार से करते आ आए है।
सरकार ने वर्ष 2014 में एक कमेटी बनाकर विस्थापन करने का निर्णय लिया गया था लेकिन आज तक उन्हें विस्थापित नहीं किया गया है। ना ही राज्य सरकार ने आज तक उन्हें जरूरी मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई जबकि उनका यह क्षेत्र अति दुर्गम क्षेत्र में आता है। याचिका में कोर्ट से वन खत्तों के ग्रामीणों का विस्थापन करने या जरूरी मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने की प्रार्थना की है। |
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