एच-1बी वीजा आवेदकों के लिए नया नियम
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी सरकार ने एच-1बी वीजा आवेदकों और उनपर आश्रित एच-4 वीजा धारकों की स्क्री¨नग और जांच का विस्तार किया है। उन्हें अपने सभी इंटरनेट मीडिया प्रोफाइल की गोपनीयता सेटिंग्स को सार्वजनिक करने का निर्देश दिया गया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
विदेश विभाग ने बुधवार को कहा है कि 15 दिसंबर से सभी एच-1बी आवेदकों और उनके आश्रितों की आनलाइन गतिविधियों की समीक्षा की जाएगी। छात्र और एक्सचेंज विजिटर पहले से ही इस तरह की जांच के अधीन थे।
एच-1बी वीजा आवेदकों के लिए नया नियम
अब एच-1बी और एच-4 वीजा के लिए आवेदन करने वालों को भी इसमें शामिल कर लिया गया है। भारतीय पेशेवर, विशेषकर प्रौद्योगिकी कर्मी और चिकित्सक एच-1बी वीजा के सबसे बड़े लाभार्थी हैं।
वहीं रायटर के अनुसार, विदेश विभाग के आंतरिक ज्ञापन में कहा गया है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर \“सेंसरशिप\“ में शामिल किसी भी व्यक्ति को वीजा न देने पर विचार किया जाएगा।
सोशल मीडिया प्रोफाइल सार्वजनिक करना अनिवार्य
केबल में कहा गया है, \“यदि कोई ऐसा सुबूत मिलता है कि कोई आवेदक अमेरिका में संरक्षित अभिव्यक्ति की सेंसरशिप के लिए जिम्मेदार था या उसमें शामिल था या सेंसरशिप का प्रयास कर रहा था, तो उसे अयोग्य माना जाना चाहिए।\“
केबल में कहा गया है कि सभी वीजा आवेदक इस नीति के अधीन हैं, लेकिन एच-1बी आवेदकों के लिए गहन समीक्षा की जरूरत है, क्योंकि वे अक्सर प्रौद्योगिकी क्षेत्र में काम करते हैं जिसमें संरक्षित अभिव्यक्ति के दमन में शामिल इंटरनेट मीडिया या वित्तीय सेवा कंपनियां भी शामिल हैं।\“
(न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ) |