कपूर परिवार के सबसे हैंडसम हीरो की अनकही दास्तां
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। कपूर परिवार को हिंदी सिनेमा की अहम इकाई माना जाता है। कहा जाता है कि हिंदी सिनेमा में कपूर खानदान का अहम योगदान रहा है और सिनेमा की सबसे बड़ी फैमिली का खिताब भी इसी परिवार के पास है। दशक बीत चुके हैं और अब भी कपूर परिवार (Kapoor Family) निरंतर दर्शकों का मनोरंजन करता आ रहा है। पृथ्वीराज कपूर ने सिनेमा में कई फिल्मों में काम किया तो इसके बाद उनके बेटे भी फिल्मों में आ गए। राज कपूर, शम्मी कपूर और शशि कपूर। तीनों बेटों में शशि कपूर इकलौते ऐसे एक्टर थे जिन्होंने संघर्ष झेला तो सफलता भी देखी। आज हम आपको शशि कपूर की कुछ वो कहानियां बताएंगे, जिनके बारे में शायद ही आपको जानकारी होगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
संघर्ष के बाद बनाया अपना करियर
पृथ्वीराज कपूर हमेशा से यही चाहते थे कि शशि कपूर (Shashi Kapoor) अपना करियर खुद बनाएं। उन्हें लगता था कि जब शशि मेहनत करेंगे और संघर्ष करेंगे तो शायद सफलता भी उतनी ही अच्छी मिलेगी। बचपन से ही शशि को फिल्मी माहौल मिला और फिर उन्होंने बतौर बला कलाकार फिल्म आग (1948) और आवारा (1951) में काम किया।
भाईयों और पिता को देखते हुए शशि भी फिल्मों में एक्टर बनने के लिए आ गए। आखिरकार साल 1961 में आई फिल्म धर्मपुत्र से शशि ने अपना डेब्यू किया। ये फिल्म \“आचार्य चतुरसेन\“ नाम के उपन्यास पर आधारित थी और इसे यश चोपड़ा ने बनाया था। हालांकि दोबारा से उन्हें असली पहचान शशि को साल 1965 में आई फिल्म जब जब फूल खिले से मिला। इसके बाद वह कई बड़ी फिल्मों में नजर आए।सत्यम शिवम सुंदरम, काला पत्थर, दीवानगी, दीवार, शान, सिलसिला, नमक हलाल समेत कई फिल्मों में काम किया।
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विदेशी हसीना से प्यार और फिर जुदाई का गम
अपने भाईय़ों में शशि सबसे ज्यादा हैंडसम थे ऐसे में लड़कियां उनकी दीवानी हुआ करती थीं। लेकिन शशि का दिल आया जेनिफर केंडल पर, जो कि रशियन मूली की एक एक्ट्रेस थीं। जेनिफर और शशि उनके पिता के थिएटर पृथ्वी थिएटर में काम कर रहे थे। यहीं पर दोनों के बीच प्यार हो गया। इसके बाद जुलाई 1958 में दोनों ने शादी कर ली। शादी के बाद दोनों के तीन बच्चे कुणाल कपूर, करण कपूर और संजना कपूर हुए।
लेकिन साल 1982 में शशि की जिंदगी में तूफान आया जब उनकी पत्नी जेनिफर को कोलन कैंसर हुआ। इसके ठीक 2 साल बाद जेनिफर का साल 1984 में कैंसर से निधन हो गया। इसके बाद शशि डिप्रैशन का शिकार हो गए थे। कहा तो यह जाता है कि शशि एक बार गोवा के बीच पर जाकर बोट में बैठकर पत्नी को याद कर खूब रोए थे। जेनिफर से शशि को इतनी मोहब्बत थी कि वो ताउम्र अकेले ही रहे, उन्होंने कभी दूसरी शादी नहीं की।
जब शशि को बेचना पड़ा घर का सामान
शशि कपूर के जीवन में एक बुरा दौर भी आया। दरअसल प्रेम पत्र, चार दीवारी, मेंहदी लगी मेरे हाथ जैसी कई फिल्में करने के बाद शशि के जीवन डाउनफॉल आ गया। हमेशा से शशि रोमांटिक हीरो वाली इमेज में रहे और इसके बाद उन्हें काम मिलना बंद हो गया। शशि के बेटे कुणाल कपूर ने खुद एक इंटरव्यू में कहा था कि उनके पिता जब आर्थिक तंगी से गुजर रहे थे तो उन्होंने अपनी कार तक बेच दी थी। यहां तक कि उनकी मां को भी जरूरी सामान बेचना पड़ा था।
जब हीरोइन की बोल्ड सीन में शशि ने की मदद
शशि कपूर जब सिमी ग्रेवाल के साथ 1972 में आई फिल्म सिद्धार्थ में काम कर रहे थे तब फिल्म एक बिना कपड़ों का सीन सिमी को देना था। हालांकि वो ये सीन करने झिझक रही थीं। शशि कपूर ने सिमी ग्रेवाल को सहज महसूस करवाने के लिए उनकी पूरी मदद की थी। उस सीन में सिमी ग्रेवाल को टॉपलेस होना था। इसके बाद शशि कपूर आए और उन्होंने शर्मा रहीं सिमी ग्रेवाल को देखकर कहा कि तुम्हें शर्माने की जरूरत नहीं है। तुम बहुत खूबसूरत हो। इसके बाद उस सीन को अच्छे से शूट किया गया।
शशि कपूर की अमिताभ बच्चन के साथ जोड़ी खूब पसंद की गई। उन्होंने कई फिल्मों में काम किया। यहां तक कि शशि कपूर ही वो एक्टर जिन्होंने कई हॉलीवुड फिल्मों में भी काम किया। हालांकि बॉलीवुड में शशि टाइपकास्ट रहे। उन्हें ज्यादातक मल्टीस्टारर फिल्मों में देखा गया। करीब 60 से ज्यादा फिल्मों में ही वो सोलो हीरो के तौर पर नजर आए। साल 2017 में लंबी बीमारी के चलते 79 साल की उम्र में शशि कपूर का निधन हो गया था। हालांकि सिनेमा में जो योगदान शशि कपूर का रहा वो हमेशा ही यादगार रखा जाएगा।
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