Annapurna Jayanti 2025: अन्नपूर्णा जयंती के नियम।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Annapurna Jayanti 2025: अन्नपूर्णा जयंती का पर्व 04 दिसंबर 2025 यानी आज मनाया जा रहा है। यह दिन साक्षात् देवी पार्वती के अन्नपूर्णा स्वरूप को समर्पित है। मां अन्नपूर्णा, जो अन्न और समृद्धि की देवी हैं, उनकी कृपा से ही हमारे घर के भंडार भरे रहते हैं। कहा जाता है कि इस दिन उनकी पूजा करने से घर में कभी भी अन्न और धन की कमी नहीं होती। हालांकि, इस पवित्र दिन कुछ गलतियां (Worship Mistakes) करने से भी बचना चाहिए, आइए उनके बारे में जानते हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अन्नपूर्णा जयंती में भूलकर भी न करें ये 5 गलतियां (Don\“t Make These 5 Mistakes On Annapurna Jayanti)
अन्न का अपमान
अन्नपूर्णा जयंती के दिन भोजन बर्बाद करना या थाली में झूठा भोजन छोड़ना सबसे बड़ी गलती मानी जाती है। अन्न का अपमान साक्षात् मां अन्नपूर्णा का अपमान है। इस दिन थाली में उतना ही भोजन लें, जितना आप खा सकें। भोजन शुरू करने से पहले देवी का धन्यवाद जरूर करें।
रसोई को गंदा रखना
इस दिन रसोई को अशुद्ध या गंदा न रखें। चूल्हे और बर्तनों को भी साफ रखें। पूजा से पहले पूरे रसोईघर की अच्छे से साफ-सफाई करें। इस दिन अपवित्रता से दूरी बनाए रखें।
खाली पात्रों को खुला रखना
पूजा से पहले ही घर के सभी अनाज के पात्रों को भर लें। उन पर हल्दी-कुमकुम लगाएं और उन्हें ढंक कर रखें। इस दिन अनाज के बर्तनों को खुला और खाली रखने से गरीबी आती है।
कठोर या कटु वचन बोलना
इस शुभ दिन पर घर में किसी से झगड़ा, कठोर वचन बोलना या किसी का अपमान नहीं करना चाहिए। ऐसे में घर में शांति और सकारात्मक माहौल बनाए रखें। इस दिन दान-पुण्य (Prosperity Rituals) पर ध्यान दें और मन को शांत रखें। ऐसा करने से देवी लक्ष्मी खुश होकर घर में वास करती हैं।
तामसिक भोजन करना
अन्नपूर्णा जयंती के दिन प्याज, लहसुन, मांस या मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन पूरी तरह सात्विक रहना चाहिए। रसोई में केवल शुद्ध और सात्विक भोजन ही पकाएं। भगवान को भोग लगाने के बाद ही प्रसाद ग्रहण करें।
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