सीएम ममता बनर्जी ने कहा- किसी को वक्फ संपत्ति छूने नहीं दूंगी (फोटो- पीटीआई)
जागरण संवाददाता, मालदा। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि उनकी सरकार राज्य में किसी को भी वक्फ संपत्तियों को छूने की इजाजत नहीं देगी।
वक्फ संपत्ति का नया कानून भाजपा ने बनाया है। हमने विधानसभा में इसका विरोध किया और सुप्रीम कोर्ट में केस भी दायर किया है, जो अभी चल रहा है। जब तक हम सत्ता में हैं, किसी को धार्मिक स्थलों को हाथ नहीं लगाने देंगे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मैं सांप्रदायिक राजनीति नहीं करती ममता
बताया कि राज्य सरकार ने 5 दिसंबर की डेडलाइन तक 82,000 वक्फ संपत्तियों का ब्योरा केंद्रीय पोर्टल \“उम्मीद\“ पर अपलोड करने के निर्देश जारी किए हैं। बंगाल वक्फ बोर्ड द्वारा लगभग 50 प्रतिशत वक्फ संपत्तियां केंद्र सरकार के पोर्टल पर पंजीकृत की जा चुकी है और शेष को जल्द से जल्द पूरा कर लिया जाएगा। मैं सांप्रदायिक राजनीति नहीं करती।
यह बातें उन्होंने मालदा जिले के गाजोल में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहीं। ममता ने विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) प्रक्रिया को चुनाव से पहले की साजिश करार देते हुए केंद्र पर लोगों को परेशान करने का आरोप लगाया। एसआइआर प्रक्रिया पर भी गंभीर सवाल उठाए।
दावा किया कि इस प्रक्रिया की वजह से राज्य में अब तक 39 लोगों की मौत हो चुकी है, 13 गंभीर रूप से अस्पताल में भर्ती हैं और तीन ने आत्महत्या की कोशिश की।
अन्य राज्यों का हवाला देते हुए कहा, \“\“महाराष्ट्र में 9 बीएलओ मर चुके हैं, गुजरात में 3-4, उत्तर प्रदेश-राजस्थान में भी मौतें हुई हैं। यह सब चुनाव से ठीक पहले क्यों?\“\“ केंद्र पर आरोप लगाया कि फरवरी में चुनाव की घोषणा होने वाली है, इसलिए जानबूझकर तीन महीने पहले यह प्रक्रिया शुरू की गई ताकि सरकारी मशीनरी ठप हो जाए।
सरकार एसआइआर के नाम पर वोटबंदी करना चाहती हैं- ममता
ममता बनर्जी ने कहा कि सरकार एसआइआर के नाम पर वोटबंदी करना चाहते हैं। बांग्ला बोलने वाले को बांग्लादेशी कहते हैं। आजादी के समय आए लोगों को बांग्लादेशी कैसे कह सकते हैं? एक गर्भवती महिला को भी बीएसएफ से बांग्लादेश सीमा के उस पार भिजवा दिया। हमने कोर्ट में केस किया, कोर्ट ने उसे वापस लाने को कहा।\“\“
उन्होंने महाराष्ट्र, राजस्थान, ओडिशा, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में बांग्ला भाषियों पर हमले और उत्पीड़न का भी जिक्र किया। |