बारिश जारी रहने पर फाटक फिर से खोले जा सकते हैं।  
 
  
 
  
 
जागरण संवाददाता, रेणुकूट (सोनभद्र)। इस मानसून में झमाझम बारिश के चलते रिहंद बांध बार-बार अपनी अधिकतम क्षमता के करीब पहुंच रहा है। अब तक इस मौसम में बांध के फाटक पांच बार खोले जा चुके हैं और एक बार फिर पानी छोड़े जाने की संभावना बन गई है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
पिछले दो दिनों से हो रही लगातार बारिश के कारण बांध का जलस्तर शनिवार की सुबह बढ़कर 870.1 फीट तक पहुंच गया, जो इसकी अधिकतम सीमा के करीब है। बांध के कैचमेंट एरिया में हो रही निरंतर बारिश से जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।  
 
  
 
फिलहाल, बांध पर बनी सभी छह टरबाइनें फुल लोड पर चल रही हैं, जिनसे लगभग 300 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। साथ ही 12 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज भी किया जा रहा है, ताकि जलस्तर नियंत्रित बना रहे। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता राजेश शर्मा ने बताया कि जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है और यदि बारिश का क्रम जारी रहा तो फाटक एक बार फिर खोलने पड़ सकते हैं।  
 
वहीं, जल विद्युत निगम के अधिशासी अभियंता शशिकांत राय ने बताया कि सभी टरबाइनें वर्तमान में पूरी क्षमता से बिजली उत्पादन कर रही हैं, जिससे स्वाभाविक रूप से पानी का डिस्चार्ज भी बढ़ा है। स्थानीय प्रशासन और सिंचाई विभाग जलस्तर पर लगातार नजर बनाए हुए है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि आने वाले 24 घंटों में बारिश जारी रही तो फाटक खोलकर अतिरिक्त पानी छोड़ा जा सकता है ताकि बांध की सुरक्षा और जल नियंत्रण व्यवस्था प्रभावित न हो।  
 
  
 
इस स्थिति को देखते हुए स्थानीय निवासियों में चिंता का माहौल है। कई लोग यह आशंका जता रहे हैं कि यदि जलस्तर और बढ़ा तो इससे आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने और किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहने की सलाह दी है।  
 
सिंचाई विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि बांध की सुरक्षा सर्वोपरि है और सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे ताकि जलस्तर को नियंत्रित किया जा सके। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल आधिकारिक सूचनाओं पर भरोसा करें।  
 
  
 
इस प्रकार, रिहंद बांध की स्थिति पर नजर बनाए रखने के लिए सभी संबंधित विभाग सक्रिय हैं और जलस्तर को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। आने वाले दिनों में मौसम की स्थिति पर ध्यान देना आवश्यक होगा ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति से बचा जा सके। |