राज्य ब्यूरो, लखनऊ। बहुमंजिला भवनों के आवंटियों से बिल्डर अब बिजली के बिल को वसूलने में मनमानी नहीं कर सकेंगे। उन्हें फ्लैट मालिकों को वास्तविक बिजली का बिल बताना होगा। सबको बिल की प्रति देनी होगी। फ्लैट मालिकों से बिजली बिल की वसूली में जेनरेटर चार्ज और सोसाइटी मेंटनेंस चार्ज को साथ नहीं जोड़ा जा सकेगा। ऐसा न करने पर बिल्डर पर तीन बार जुर्माना लगाने के बाद सिंगल प्वाइंट कनेक्शन की व्यवस्था समाप्त कर दी जाएगी। सभी फ्लैट मालिकों को अलग से कनेक्शन दे दिए जाएंगे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
विद्युत नियामक आयोग ने चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 के टैरिफ आर्डर में मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में बिजली आपूर्ति के एवज में बिल वसूलने में बिल्डर की मनमानी पर अंकुश लगाने की व्यवस्था की है। बिल्डर या रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन यदि आवंटियों को बिल दिए बिना मनमानी वसूली करते हैं तो उसे आयोग के आदेशों का उल्लंघन माना जाएगा। पहली बार उल्लंघन पर उन्हें 5000 रुपये फिर 10,000 और तीसरी बार 15,000 रुपये जुर्माना देना होगा। इसके बाद सिंगल प्वाइंट कनेक्शन की व्यवस्था समाप्त कर मल्टी प्वाइंट कनेक्शन दे दिया जाएगा।
टैरिफ आदेश के मुताबिक बिल्डर या रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन को प्रत्येक छह माह पर फ्लैट आवंटियों को बिजली के बिल की पूरी जानकारी देनी होगी। अप्रैल से सितंबर तक के बिल की रिपोर्ट नवंबर माह तक तथा अक्टूबर से मार्च तक की रिपोर्ट मई माह में फ्लैट मालिकों को देनी होगी।
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा का कहना है कि नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि बिल्डर या एसोसिएशन अपने खातों की आडिट चार्टर्ड अकाउंटेंट से कराएंगे। आडिट रिपोर्ट तीन माह में उपभोक्ताओं को भेजेंगे। रिपोर्ट अपलोड करने के लिए एक आनलाइन पोर्टल भी बनाएंगे।