सांकेतिक तस्वीर का प्रयोग किया गया है।
संसू, जागरण-जगनेर (आगरा)। बाइक चोरी होने के बाद पुलिस ने बरामदगी के लिए रिश्वत मांगी। दो बार में तीस हजार रुपये कि रिश्वत बैंक खातों में डलवाई गई। यह आरोप लगाते हुए पीड़ित ने मुकदमा दर्ज कराने के लिए न्यायालय की शरण ली। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
कोर्ट के आदेश पर बसई जगनेर थाना प्रभारी सहित पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपित थाना प्रभारी वर्तमान में अलीगढ़ में तैनात हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
बसई जगनेर के गांव नसौआ निवासी जीतेश ने न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में मुकदमा दर्ज कराने के लिए प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया था। उन्होंने कहा कि 11 अप्रैल 2023 को वह खेत पर बाइक से गए थे। यहां से बाइक चोरी हो गई।
उन्होंने पुलिस से शिकायत की, लेकिन मुकदमा दर्ज नहीं हुआ। 28 अप्रैल को दोबारा से पुलिस से शिकायत की। तत्कालीन थाना प्रभारी सुनील तोमर ने रिश्वत के लिए दबाव बनाया।
इसके बाद बाइक बरामद करने के लिए इंस्पेक्टर के साथ ही उनके साथी यदुवीर तथा गांव के देवेंद्र, सुरेश और राजकुमार रुपये देने के लिए दबाव बनाया।
दबाव बनाकर पीड़ित से पहले आठ हजार व दूसरी बार में सात हजार कुल 15 हजार रुपये थाना प्रभारी के परिचित यदुवीर के खाते में जमा कराए गए। इसके बाद बाइक चोरी का मुकदमा दर्ज हुआ। बाइक को देवेंद्र, सुरेश, राजकुमार ने ही छिपा लिया था।
थाने में तहरीर देने पर मुकदमे में फंसाने की धमकी भी दी गई। पीड़ित की तहरीर पर पुलिस ने धारा 120बी, 506, 504, 420, 421, 424 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। एसीपी प्रीता दुबे ने बताया कि कोर्ट के आदेश के बाद मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है। प्रकरण की जांच की जा रही है।
मुख्यमंत्री से की गई थी शिकायत
पीड़ित ने रिश्वत लेने के मामले की शिकायत गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की थी। तत्कालीन थाना प्रभारी सुनील तोमर ने बताया कि दो बार इस प्रकरण में जांच हो चुकी है। दोनों बार उन्हें क्लीन चिट मिली है। |