जागरण संवाददाता, सिवान। पिछले 15 दिनों से सब्जियों के भाव में हुई वृद्धि ने रसोई का बजट बिगाड़ दिया है। सब्जियों के दाम में आयी उछाल ने गरीबों को मुसीबत में डाल दिया है। वहीं, मध्यम वर्ग के लोगों की थाली से भी सब्जी गायब होने लगी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
शहर की स्थानीय सब्जी मंडी में सब्जियों के दाम इतने बढ़े हुए हैं कि लोग दाम पूछकर किनारा कर निकल जाते हैं। सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि सब्जियों की आवक कम होने से दाम कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। वहीं दूसरी ओर शादियों का सीजन चल रहा है। इससे सब्जियों की खपत ज्यादा और आपूर्ति कम हो रही है। सब्जियों के दाम में लागतार वृद्धि जारी है।
शहर के स्थानीय सब्जी बाजार में लौकी 50 रुपये प्रति किलो, बैंगन 60 रुपये किलो, करेला 100, मटर 120 रुपए प्रति किलो, सेम 100 रुपए प्रति किलो, फूलगोभी 50 से 80 रुपये किलो, पत्तागोभी 40 से 60 रुपए किलो, परवल 100 रुपये किलो, टमाटर 80 रुपये किलो, हरी मिर्च 80 से 90 रुपये किलो, भिंडी 80 रुपए किलो, पालक 60 रुपए प्रति किलो, नया आलू 40-50 रुपए प्रति किलो, प्याज 25 से 30 रुपए किलो किलो तक पहुंच गई है।
इन दिनों महंगाई का आलम यह है कि, मुफ्त में मिलने वाली धनिया पत्ता के लिए अब 100 रुपए तक के दाम चुकाने पड़ रहे हैं। ऐसे में सबसे ज्यादा परेशानी ग्रहणियों को हो रही है। एक ही सब्जी बनाकर किसी तरह गुजार किया जा रहा है।
बताया जाता है कि गरीब-अमीर हर की रसोई में आलू, प्याज व टमाटर घर की आवश्यकता होती है, लेकिन करीब एक माह से इनके दाम घटने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। हर दिन बढ़ते दामों ने घर का बजट बिगाड़ कर रख दिया है।
स्थानीय लोगों में सुरज कुमार, विपिन कुमार, अजय साह, पंकज सिंह का कहना है कि पहले जहां 200 से 300 रुपये में पूरे हफ्ते की सब्जी आ जाती थी, अब उतने में दो-तीन दिन की भी नहीं आती है।
सब्जियों के दाम बढ़ने से सबसे ज्यादा विक्रेता परेशान हैं। विक्रेता रामबाबू कुशवाहा का कहना है कि सब्जियों के दाम में अप्रत्याशित वृद्धि के कारण उनकी बिक्री प्रभावित हुई है। ग्राहक सब्जियों के दाम पूछ कर सब्जियों की खरीदारी नहीं कर रहे हैं। जिसका असर हमारे कमाई पर पड़ रहा है।
विक्रेता ने बताया कि अमूमन इन सीजन में सब्जियों की भरमार रहती है। सब्जियों की कीमत भी काफी कम हो जाती है। इस वर्ष इस सीजन में सब्जियों के भाव कम नहीं हो रहे हैं। थोक भाव में भी सब्जियां महंगी है। जिस कारण हमें भी सब्जियों को महंगे दामों पर बेचना पड़ रहा है। |