विश्व दिव्यांग दिवस समारोह को संबोधित करते सीएम योगी आदित्यनाथ
राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में बुधवार को विश्व दिव्यांग दिवस समारोह का शुभारंभ किया। तीन दिवसीय इस समारोह के शुभारंभ के बाद मुख्यमंत्री ने दिव्यांगजन को सम्मानित करने के साथ राज्य और राष्ट्र स्तरीय प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों को पुरस्कृत भी किया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के विश्व दिव्यांग दिवस पर इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित तीन दिवसीय विश्व दिव्यांग दिवस समारोह का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री योगी ने राज्य स्तरीय दिव्यांग पुरस्कारों का वितरण करने के साथ विशेष विद्यालयों के मेधावी छात्र-छात्राओं का सम्मानित किया। उन्होंने राज्यस्तरीय कार्यक्रम में दिव्यांग विद्यार्थियों से भी भेंट की।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर दिव्यांगजनों को संबोधित किया और बीते आठ वर्ष में अपनी सरकार की उपलब्धियों से भी अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिव्यांगजन की सहायता जैसे पुनीत काम में वर्ष 2017 से पहले तक बड़ा भ्रष्टाचार होता था। दिव्यजन को तब 300 रुपया महीना पेंशन मिलती थी, जिसमें से भी बाबू जी लोग कट मार लेते थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बड़ी सोच दिखाई और इनको मुख्यधारा में लाने का सार्थक प्रयास किया। उनके निर्देश पर दिव्यांगजन पेंशन को एक हजार रुपया महीना किया गया और धनराशि सीधा उनके खाते में ट्रांसफर की जा रही है। अब किसी के पास कट लेने का मौका ही नहीं हैं।
इससे पहले योगी आदित्यनाथ कैबिनेट ने मंगलवार को दिव्यांगजनों को बड़ा तोहफा दिया। सरकार ने सभी 18 मंडलों में दिव्यांगजन पुनर्वास केंद्र खोलने का फैसला किया है। सरकार ने राज्य के सभी 18 मंडलों में नए जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र खोलने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। फिलहाल राज्य के 38 जिलों में दिव्यांगजनों के लिए दिव्यांग पुनर्वास केंद्रों का संचालन हो रहा है। इनमें से भी कुछ दिव्यांग पुनर्वास केंद्र का संचालन कुछ समस्याओं के चलते प्रभावित हुआ है। अब सरकार ने पूरे ढ़ांचे को नए सिरे से संसाधनों से लैस करते हुए संचालित करने का फैसला लिया है।
जिससे दिव्यांगजनों को मिलने वाली सेवाओं में किसी प्रकार की बाधा पैदा ना हो। उन्होंने बताया कि नए डीडीआरसी खुलने से प्रदेश में दिव्यांगजनों को एक ही जगह पर कई सुविधाएं मिल पाएंगी। दिव्यांग पुनर्वास केंद्रों के खुलने से दिव्यांगजनों को सर्वे, पहचान, शिविर, सहायक उपकरण, कृत्रिम अंग फिटमेंट और प्रशिक्षण जैसी सुविधाएं एक ही स्थान पर आसानी से मिल जाएंगी। दिव्यांग पुनर्वास केंद्रों के खुलने से उन्हें फिजियोथेरेपी, स्पीच थेरेपी जैसी सेवाओं के लिए दूसरे स्थानों पर नहीं भटकना पड़ेगा।
इसके साथ ही यूडीआईडी कार्ड और दिव्यांग प्रमाणपत्र जैसे जरूरी दस्तावेज बनवाने के लिए भी उन्हें इधर-उधर भटकने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अब दिव्यांगजनों को योजनाओं का लाभ समय पर और सुगमता से मिल जाएगा। इसके साथ ही उनके पुनर्वास की पूरी प्रक्रिया भी पहले से ज्यादा मजबूत हो जाएगी। |