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भाड़े के भगवान के सहारे चल रहा कारीसाथ आरोग्य मंदिर, डॉक्टर और सुविधाओं के अभाव में मरीज परेशान

deltin33 2025-12-3 15:07:57 views 987

  



संवाद सूत्र, उदवंंतनगर(भोजपुर)। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र उदवंंतनगर अंतर्गत अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अथवा यूं कहें आयुष्मान आरोग्य मंदिर कारीसाथ अपने भगवान की बाट जोह रहा है। रजिस्टर में तो तीन-तीन डॉक्टर स्थापित है लेकिन तीनों के तीनों की ड्यूटी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ली जाती है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इसे व्यवस्था की कमी कहे अथवा सीएचसी की बड़ी जरूरत

एपीएचसी एक आयुष डॉक्टर के सहारे सांस ले रहा है। उदवंंतनगर, मुफ्फसिल व बिहिया प्रखंड के सीमावर्ती क्षेत्र में आने के कारण यहां मरीजों की संख्या अधिक देखी जा सकती है।

स्वास्थ्य कर्मी बताते हैं कि कोरोना के पहले यहां रोजाना सौ से अधिक मरीज इलाज के लिए आते थे लेकिन अब औसतन 50 मरीज ही केन्द्र तक पहुंच पाते हैं।

यहां मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव देखा जा सकता है। यहां एक चापाकल है जो महीनों से खराब पड़ा था। पेय जल हेतु लगाया गया आर ओ शोभा की वस्तु बन कर रह गया है।
पचास वर्षों से अधिक समय से दे रहा है सेवा

अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कारीसाथ 50 वर्षों क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य सेवा मुहैया करा रहा है।जिले के डॉ सतीश कुमार सिन्हा, डॉ के एम सिन्हा सहित अनेकों डाक्टर पूर्व में अपनी सेवा दे चुके हैं।

यहां डॉ निशांत, डॉ अविनाश व डॉ रंजीत पदस्थापित हैं। लेकिन डॉक्टरों की सेवाएं सीएचसी उदवंतनगर में ली जाती है।

वहीं पीरो के तार एपीएचसी पर पदस्थापित डा दिनकर पाण्डेय कारीसाथ में अपनी सेवा देने वाले इकलौते डॉक्टर हैं।

वहीं एएनएम का दो पद सृजित है। लेकिन कुमारी नीलम सिन्हा, रेखा कुमारी व एक जीएनएम सुषमा कुमारी अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
12 प्रकार की जांच सुविधा उपलब्ध

आयुष्मान आरोग्य मंदिर में 30 प्रकार की जांच सुविधा उपलब्ध कराने का प्रावधान है लेकिन कारीसाथ में बारह प्रकार की जांच की जाती है।

लैब टेक्नीशियन अमन कुमार ने बताया कि ए पी एच सी कारीसाथ में हिमोग्लोबिन, वीडीआरएल, एचआईवी, हेपटाइटिस, मलेरिया, यूरिन, प्रेग्नेंसी,सुगर आदि 12 प्रकार के जांच नियमित होते हैं।

वहीं एक डाटा आपरेटर मो अबीदुल्ला व परिचारी प्रदीप कुमार की पदस्थापना है।
153 की जगह 83 दवाएं उपलब्ध

आरोग्य मंदिर कारीसाथ में 153 की जगह 83 दवाएं ही उपलब्ध हैं। स्नैक बाइट अथवा डाग बाइट की दवा उपलब्ध नहीं है।यहां केवल आउटडोर सेवा दी जाती है।

आपातकालीन व डिलिवरी सेवा उपलब्ध नहीं है।प्रसव सेवा नहीं होने से इलाके के लोगों को आरा या बिहिया जाना पड़ता है।

जिससे कारण डिलिवरी के मामले में सीएचसी का रेटिंग में गिरावट आती है।लिपिक व ड्रेसर नहीं है। आउट सोर्सिंग के तहत एक सफाईकर्मी रीता देवी सेवा दे रही है।
दर्जनों गांव से आते हैं मरीज

आयुष्मान आरोग्य मंदिर कारीसाथ में इलाज कारीसाथ,धमार,मरवटिया,चकिया, भेड़िया,चंदा, नावानगर,छोटी सासाराम,अमराई नवादा, महुली,सरफाफर,बीबीगंज, कल्याणपुर आदि गांवों से मरीज आते हैं। लेकिन आउटडोर को छोड़कर अन्य सुविधाएं नदारद है।



अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र एक बड़ी आबादी को सेवा देता है। लेकिन डाक्टर एवं अन्य सुविधाएं नदारद है। हाई वे है आपातकालीन सेवा की जरूरत है।

डा संजीव कुमार सिंह, पैक्स अध्यक्ष कारीसाथ



डिलिवरी के लिए महिलाओं को आरा या बिहिया जाना पड़ता है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा बार बार आश्वासन दिया जाता है। महिलाओं को परेशानी होती है

रेखा कुमारी, पंचायत समिति सदस्य, छोटी सासाराम



अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र का नाम बदलने से कुछ भी नहीं होगा , व्यवस्था बदलनी होगी। यहां बेहतर डाक्टर की जरूरत है जिससे मरीजों को लाभ मिल सके।

गोविंदा राठौर, गजराजगंज

अस्पताल में पहले से सुविधाएं बढ़ी है। आपातकालीन व प्रसव सेवा की जरूरत है। डाक्टर व मूलभूत सुविधाएं बढ़नी चाहिए।

लक्ष्मण यादव, सरफाफर
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