सांकेतिक तस्वीर का प्रयोग किया गया है।
जागरण संवाददाता,आगरा। जिला जेल से करीब चार वर्ष की सजा काटने के बाद जिला जेल से मंगलवार को रिहा दो बांग्लादेशी नागरिकों को सुरक्षा एजेंसियों ने डिपोर्ट करने के लिए अपनी अभिरक्षा में ले लिया।
दोनों को बांग्लादेश डिपोर्ट करने के लिए कोलकाता पश्चिम बंगाल रवाना कर दिया। दोनों अवैध तरीके से घुसपैठ करके भारत की सीमा में आए थे। विदेशी मुद्रा बेचकर लोगों को ठगी का शिकार बना रहे थे।
एटीएस की आगरा यूनिट ने चार जनवरी 2022 को बांग्लादेशी नागरिकों मामून शेख उर्फ मोहम्मद अली और सुनील को गिरफ्तार किया था। उनसे सऊदी अरब की मुद्रा 50 रियाल और 62 नकली नोट बरामद किए थे। उनके विरुद्ध सदर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
दोनों बांग्लादेश के जिला मदारीपुर स्थित राजाऔर के रहने वाले हैं। आरोपितों ने पूछताछ में बताया था कि एक एजेंट द्वारा सात हजार रुपये लेकर घुसपैठ कराई गई थी। जिसके बाद तीन दिन पश्चिम बंगाल के हावड़ा रेलवे स्टेशन पर रहे थे।
वहां पर मामून ने एक हजार रुपये में फर्जी आधार कार्ड बनवाया था।वहां रहने के बाद वह पांच वर्ष पहले आगरा आए थे। रुनकता क्षेत्र में झुग्गी-झोपड़ी में रहने लगे थे। मंगलवार को दोनों तीन वर्ष 11 महीने की सजा काटकर रिहा हुए।
जेल में रहने वाले बांग्लादेशियों और म्यांमार के लोगों पर सुरक्षा एजेंसियों की पहले से नजर थी। मंगलवार को दाेनों के जिला जेल से रिहा होने की जानकारी मिलने पर एआइयू की टीम वहां पहुंचे। दोनों को अपने साथ लेकर आयी। यहां से एस्कार्ट के माध्यम से पश्चिम बंगाल भेज दिया।
एसीपी एलआइयू दिनेश सिंह ने बताया कि दोनों को सीमा सुरक्षा बल के सिपुर्द किया जाएगा। वह उनके डिपोर्ट करने की कार्यवाही करेगी। |