जम्मू में चार साथियों की हत्या करने वाले CRPF जवान को 20 साल की सजा (File Photo)
जेएनएफ, जम्मू। करीब उन्नीस वर्ष पहले अपने ही चार साथी जवानों की हत्या करने वाले सीआरपीएफ के जवान को तृतीय अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, श्रीनगर दिनेश गुप्ता ने बीस वर्ष की कठोर कारावास की सजा सुनाई है।यह सजा सीआरपीएफ के सिपाही अवतार चंद को सुनाई गई है, जिस पर आरोप है कि 25 जनवरी 2006 को उसने अपनी सर्विस राइफल इंसास से अंधाधुंध फायरिंग कर चार जवानों को मार दिया जबकि एक जवान गंभीर रूप से घायल हो गया था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
यह वारदात में श्रीनगर के हवाल स्थित फिरदौस सिनेमा के पास सीआरपीएफ के एफ-कोय 96 बटालियन कैंप में पेश आई थी। अभियोजन के अनुसार, आरोपी अवतार चंद, जो 96 बटालियन में कॉन्स्टेबल (जीडी) के पद पर तैनात था, ड्यूटी के बाद बैरक में गया जहां अन्य जवान मौजूद थे।
एक जवान गंभीर रूप से घायल हुआ
वहां उसकी एक जवान मोहम्मद अशरफ से किसी बात पर कहासुनी हो गई। बताया गया कि बहस से गुस्साए चंद ने अपनी सेवा राइफल (इंसास) उठाई और बैरक के अंदर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। अचानक हुई फायरिंग में मोहम्मद अशरफ नाजर, सी. सत्यशिवन, सौरव नंदी और बी. मंडापे की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक अन्य जवान गंभीर रूप से घायल हुआ।
घायल जवान को तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया और अन्य जवानों ने अवतार चंद को काबू कर उससे राइफल छीन ली बाद में बरामद हथियार, मैगज़ीन, खाली कारतूस और जिंदा राउंड की फोरेंसिक जांच में पुष्टि हुई कि इन्हीं से फायरिंग की गई थी। आरोपी को उसी शाम गिरफ्तार कर लिया गया था और वह पूरे मुकदमे के दौरान न्यायिक हिरासत में रहा।
लगभग 19 साल हिरासत में रहे
उधर सजा सुनाते समय बचाव पक्ष ने दलील दी कि आरोपी लगभग 19 साल से हिरासत में है, उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है।घटना आवेश में हुई।वहीं न्यायाधीश दिनेश गुप्ता ने सजा में नरमी से इनकार करते हुए कहा कि अनुशासित बल का कोई सदस्य जब अपनी ही टीम पर हथियार उठाए तो यह अनुशासन की जड़ पर प्रहार है और ऐसी हरकत को माफ नहीं किया जा सकता।
अदालत ने अवतार चंद को हत्या दोषी मानते हुए बीस वर्ष का कठोर कारावास और हत्या के प्रयास के तहत दस वर्ष की सजा सुनाई है। दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी।इसके अलावा अदालत ने मृतक जवानों के परिजनों के लिए दो लाख और घायल जवान के लिए तीस हजार का जुर्माना भी दोषी को लगाया।न्यायाधीश ने दोषी को अपील के अधिकार के साथ उसे शेष सजा पूरी करने के लिए केंद्रीय जेल कोट भलवाल में भेजने का आदेश दिया। |