फाइल फाेटो।
जासं, जमशेदपुर। ओडिशा से झारखंड और पश्चिम बंगाल तक गोवंश और प्रतिबंधित मांस की तस्करी का संगठित नेटवर्क लगातार सक्रिय है। पूर्वी सिंहभूम जिले की भौगोलिक स्थिति इस अवैध धंधे के लिए बेहद अनुकूल साबित हो रही है। विशेष रूप से मयूरभंज, बहलदा, भद्रक और आसपास के क्षेत्रों से बड़े पैमाने पर गोवंश की खेप झारखंड में प्रवेश कर रही है। बहरागोड़ा और बरशोल थाना क्षेत्रों के रास्ते तस्कर इन खेपों को जमशेदपुर सहित बंगाल के विभिन्न जिलों तक भेजते हैं। कोल्हान के तीनों जिले पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां और पश्चिम सिंहभूम, ओडिशा से सटे होने के कारण यह इलाका तस्करी का प्रमुख कॉरिडोर बन गया है। पुलिस की लगातार कार्रवाई के बावजूद इस नेटवर्क की रफ्तार कम होने का नाम नहीं ले रही। तस्करों ने ओडिशा के रायरंगपुर, तिरिंग गेट और आसपास के क्षेत्रों में स्टॉकयार्ड बना रखे हैं, जहां गोवंश को एकत्र किया जाता है। इसके बाद इन्हें बारीपदा के रास्ते बड़े ट्रकों में लादकर मुर्शिदाबाद तक भेजा जाता है। यहीं से गोवंश को अवैध रूप से बांग्लादेश की सीमा में पहुंचा दिया जाता है। तस्करी के दौरान तीन-चार लोग झुंड को हांकते हैं, जबकि हथियारबंद गिरोह वाहन से सुरक्षा घेरे में चलता है। रायरंगपुर के सुनसान इलाकों का फायदा उठाकर यह धंधा वर्षों से बिना बाधा जारी है। बीते दिनों चाकुलिया में प्रतिबंधित मांस के साथ दो तस्कर गिरफ्तार हुए, वहीं धालभूमगढ़ में 19 गोवंश बरामद किए गए। इससे पहले बहरागोड़ा और बरशोल थाना क्षेत्रों में कई बार बड़ी मात्रा में गोवंश और मांस की खेप पकड़ी गई है। लगातार पकड़े जाने के बावजूद तस्कर तरीकों में बदलाव कर नेटवर्क को सक्रिय रख रहे हैं। बंगाल के पुरुलिया जिले के बड़ाबाजार इलाके से पटमदा कटिंग के रास्ते तस्कर मांस की खेप जमशेदपुर के मानगो, कपाली, उलीडीह, सोनारी और कदमा क्षेत्रों में भेज रहे हैं। इस मार्ग पर आवाजाही कम होने के कारण तस्करों के लिए यह सबसे सुरक्षित रूट बन गया है। पहचान से बचने के लिए तस्कर अब कंटेनर, फिश ट्रक, दूध वाहन, छोटे पिकअप और कारों का भी इस्तेमाल कर रहे हैं। कुछ महीने पहले सिदगोड़ा में गोवंश से भरी सूमो पलट गई थी। इस वाहन के साथ चल रहे हथियारबंद तस्कर पुलिस के पहुंचने से पहले फरार हो गए थे। पिछले वर्षों में कई बार सफेदपोशों और पुलिसकर्मियों की संलिप्तता उजागर हुई है। अक्टूबर 2020 में आदित्यपुर टोल ब्रिज के पास गोवंश बरामदगी मामले में एक दारोगा सहित पांच पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया गया था। हाल ही में ओडिशा के क्योंझर जिले में भी एक कांस्टेबल को इसी आरोप में बर्खास्त किया गया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें |