राज्य ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (सीएसटी-यूपी) ने प्रदेश में विज्ञान और प्रौद्योगिकी आधारित शोध कार्यों को बढ़ावा देने के लिए आर एंड डी परियोजनाओं के प्रस्ताव आमंत्रित किया है। इस बार प्रदेश की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए शोध क्षेत्रों का दायरा और भी व्यापक रखा गया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
शोध प्रस्ताव केवल आनलाइन मोड में स्वीकार किए जाएंगे। इसके लिए पोर्टल cst.up.gov.in खुला है, आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 10 जनवरी 2026 तय की गई है।
परिषद ने स्पष्ट किया है कि प्रस्ताव उन्हीं वैज्ञानिकों और फैकल्टी सदस्यों से स्वीकार किए जाएंगे जो प्रदेश में स्थित विश्वविद्यालयों, डिग्री कालेजों, इंजीनियरिंग कालेजों, आर एंड डी संस्थानों, मेडिकल कालेजों और अन्य मान्यता प्राप्त वैज्ञानिक संस्थानों में कार्यरत हैं। परिषद ने कुल नौ क्षेत्रों में शोध प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं।
इनमें कृषि एवं उससे जुड़े सेक्टर, बायोटेक्नोलाजी, रसायन विज्ञान, पर्यावरण विज्ञान, इंजीनियरिंग और टेक्नोलाजी, सूचना प्रौद्योगिकी, मेडिकल साइंसेज, फार्मास्यूटिकल साइंसेज और भौतिक विज्ञान शामिल हैं।
इन क्षेत्रों में फसल रोग प्रतिरोधक किस्मों का विकास, जैविक खेती, पशुपालन, मत्स्य पालन, वैक्सीन और नई दवाओं का विकास, स्टेम सेल एवं जीन थेरेपी, सुरक्षित पेयजल और प्रदूषण नियंत्रण, ग्रीन टेक्नोलाजी, एनर्जी, रोबोटिक्स, साइबर सुरक्षा, 5जी/6जी तकनीक, जीवनशैली से जुड़ी बीमारियां, बायो-मालिक्यूल्स, नैनोमेडिसिन, अंतरिक्ष विज्ञान, नैनो और क्वांटम टेक्नोलाजी जैसे विषयों को खास तवज्जो दी जाएगी।
सभी क्षेत्रों में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ), मशीन लर्निंग और इंटरनेट आफ थिंग्स (आइओटी) के उपयोग को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि शोध कार्य अधिक सटीक और उपयोगी बन सकें। परिषद का मानना है कि शोध कार्यों के माध्यम से प्रदेश की समस्याओं के स्थानीय समाधान तलाशे जा सकेंगे। |