उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ।- फाइल फोटो  
 
  
 
  
 
जागरण संवाददाता, बरेली। हफ्ते भर पहले शहर में उपजे उपद्रव के बाद से जिले के अधिकारी सक्रिय थे। इस शुक्रवार को गड़बड़ी की आशंका जताई जा रही थी। इसी को लेकर भारी पुलिस बल लगाया गया था। शहर के हालात की पल-पल की मॉनीटरिंग शासन से भी होती रही। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
 शहर में 26 सितंबर को हुए उपद्रव को पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों ने बहुत तेजी से काबू किया। इसके बाद उपद्रवियों के विरुद्ध कार्रवाई की गई। उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। शहर में अवैध निर्माण को सील भी किया गया। गिरफ्तारी, सीलिंग आदि कार्रवाई के बावजूद अधिकारियों को चिंता इस शुक्रवार को लेकर थी।   
 
  
 
 दशहरा के बाद शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद लोगों के इकट्ठा होने की आशंका जताई जा रही थी। किसी भी विपरीत स्थिति से निपटने के लिए पुलिस-प्रशासन ने सख्ती बढ़ा दी। शहर को जोनल, सेक्टर में बांटकर सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता कर ली। आठ हजार से अधिक पुलिस कर्मचारी लगा दिए।   
 
  
 
 गुरुवार शाम को और फिर शुक्रवार सुबह अधिकारियों ने शहर में रूट मार्च निकाला। उपद्रव के बाद से ही शासन की निगाहें भी बरेली की ओर थीं। लखनऊ में बैठक अधिकारी यहां पल-पल होने वाली स्थिति की मानीटरिंग कर रहे थे। यहां साढ़े तीन बजे आखिरी नमाज शांतिपूर्ण निपटने के बाद अधिकारियों ने राहत की सांस ली।   
 
  
 
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