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जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज और अस्पताल को बड़े पैमाने पर अपग्रेड करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सोमवार को महत्वपूर्ण बैठक में एमबीबीएस की 250 और पीजी की 100 सीटें बढ़ाने की विस्तृत योजना पर चर्चा की गई। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें बैठक में दिल्ली स्थित विशेषज्ञ आर्किटेक्ट टीम ने कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. दिवाकर हांसदा और सभी विभागाध्यक्षों के समक्ष डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) प्रस्तुत की। रिपोर्ट के अनुसार कॉलेज को नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) के मानकों के अनुरूप विकसित किया जाएगा। इसके लिए कई सौ करोड़ रुपये खर्च होने की संभावना है। डीपीआर के मुताबिक, कॉलेज परिसर में अत्याधुनिक यूजी और पीजी हॉस्टल, आधुनिक क्लासरूम, लेक्चर थियेटर, नया प्रेक्षागृह, अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं, कौशल विकास केंद्र तथा इनडोर और आउटडोर स्पोर्ट्स ग्राउंड विकसित किए जाएंगे। इन सभी सुविधाओं का उद्देश्य एमजीएम को राष्ट्रीय स्तर के प्रमुख मेडिकल संस्थानों की श्रेणी में स्थापित करना है। स्वास्थ्य विभाग की टीम हाल ही में पूरे कॉलेज परिसर का विस्तृत सर्वे पूरा कर चुकी है, जिसके आधार पर यह डीपीआर तैयार हुआ है।
एक हजार बेड वाले अस्पताल की दिशा में तेजी से कार्य एमबीबीएस और पीजी सीटें बढ़ाने के लिए मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पतालों में कम से कम 850 बेड उपलब्ध होना अनिवार्य है। वर्तमान स्थिति के अनुसार 500 बेड का नया अस्पताल तैयार हो चुका है। वहीं साकची स्थित एमजीएम परिसर में 500 बेड का एक और अस्पताल निर्माणाधीन है। कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. दिवाकर हांसदा के अनुसार यह परियोजना अगले डेढ़ वर्ष में पूरी तरह तैयार हो जाएगी। दोनों अस्पताल शुरू होने के बाद एमजीएम के पास 1000 से अधिक बेड की क्षमता होगी, जो कॉलेज के शिक्षण-प्रशिक्षण के साथ-साथ जमशेदपुर, पूर्वी सिंहभूम और आसपास के जिलों की स्वास्थ्य सेवाएं मजबूत करेगा।
एमबीबीएस और पीजी सीटें बढ़ाने का उद्देश्य वर्तमान में कॉलेज में एमबीबीएस की 150 और पीजी की 50 सीटों पर पढ़ाई हो रही है। प्रस्ताव के अनुसार इन्हें बढ़ाकर क्रमशः 250 और 100 सीटें की जाएंगी। सीट बढ़ाने का मुख्य उद्देश्य विशेषज्ञ डॉक्टरों की संख्या में वृद्धि, राज्य और जिले में चिकित्सकों की कमी को दूर करना, बेहतर चिकित्सा शिक्षा उपलब्ध कराने के साथ अस्पतालों की सेवा क्षमता को बढ़ाना है। स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि सीटों में बढ़ोतरी से कोल्हान के साथ-साथ पूरे झारखंड को दीर्घकालीन लाभ मिलेगा। एमजीएम को सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के रूप में विकसित करने की दिशा में भी तेजी से काम चल रहा है। कॉलेज प्रशासन ने बताया कि कैथ लैब तैयार हो चुकी है और जल्द ही मरीजों को इसकी सुविधा मिलने लगेगी। राज्य स्तर पर 96 सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सकों की नियुक्ति प्रक्रिया तेज कर दी गई है और आगामी छह माह में इसके पूरा होने की उम्मीद है। इसके अलावा अनुबंध पर भी विशेषज्ञ डॉक्टरों की बहाली का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है, ताकि विभिन्न विभागों को सशक्त बनाया जा सके। इन सभी परियोजनाओं के पूर्ण होने पर एमजीएम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल एक नए स्वरूप में सामने आएगा। इन प्रयासों से कॉलेज का शैक्षणिक स्तर बढ़ेगा। पूरे कोल्हान प्रमंडल की स्वास्थ्य संरचना में सुधार होगा। मेडिकल शिक्षा, चिकित्सीय सुविधाओं और आधुनिक स्वास्थ्य ढांचे के लिहाज से एमजीएम आने वाले दो वर्षों में राज्य के प्रमुख संस्थानों में शुमार हो जाएगाा।
एमजीएम में होने वाले मुख्य परिवर्तन
- आधुनिक तकनीक से सुसज्जित शिक्षण कक्ष
- विस्तृत क्लीनिकल एवं प्रैक्टिकल सुविधाएं
- नेशनल मेडिकल कमीशन के मानकों के अनुरूप अधोसंरचना
- सुपर स्पेशियलिटी सेवाओं का विस्तार
- छात्रों और मरीजों के लिए उन्नत सुविधाएं
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