पुलिस तक पहुंच रही जानकारियों को पोर्टल पर सुरक्षित तरीके से अपलोड किया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, जम्मू। शहर में रह रहे किरायेदारों की पहचान और सत्यापन को लेकर जम्मू पुलिस ने बड़ा कदम उठाया है। पुलिस ने किरायेदारों के डाटाबेस को तैयार कर एक खास पोर्टल विकसित किया है, जिसके माध्यम से अब मात्र एक क्लिक पर किसी भी किरायेदार की पूरी जानकारी पुलिस अधिकारियों के सामने उपलब्ध हो जाएगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
जिला प्रशासन के आदेश के तहत मकान मालिकों के लिए अब यह अनिवार्य किया गया है कि किरायेदार को घर देने से पहले उसका सत्यापन स्थानीय थाने में करवाया जाए। इसी कड़ी में पुलिस तक पहुंच रही जानकारियों को पोर्टल पर सुरक्षित तरीके से अपलोड किया जा रहा है।
पोर्टल की एक्सेस सिर्फ पुलिस तक सीमित है, जबकि पासवर्ड प्रत्येक थाने के प्रभारी को ही उपलब्ध करवाया गया है, ताकि डाटाबेस की सुरक्षा बनी रहे। अनुमान के अनुसार केवल जम्मू शहर में ही 50 हजार से अधिक किरायेदार निवासरत हैं।
पुलिस का दावा है कि अधिकांश किरायेदारों का रिकार्ड सत्यापित किया जा चुका है। जिनके सत्यापन अभी बाकी हैं, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई जारी है। आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर माह तक 60 मकान मालिकों पर किरायेदार सत्यापन न करवाने पर मामले दर्ज किए गए हैं।
एसएसपी जम्मू जोगिंदर सिंह का कहना है कि पोर्टल की मदद से पुलिस के पास डाटाबेस तैयार होगा, जो जरूरत के समय पुलिस के लिए उपयोगी साबित होगा।
कैसे होता है सत्यापन
किरायेदार से संबंधित आधार कार्ड या अन्य पहचान दस्तावेज मिलने पर स्थानीय थाने की पुलिस संबंधित थाने से संपर्क कर किरायेदार के चरित्र की जांच कराती है। यदि उसका कोई आपराधिक या आतंकी रिकार्ड सामने आता है तो तुरंत सूचना उस जिले की पुलिस को भेजी जाती है, जहां वह वांछित होता है। यदि सब कुछ सही पाया जाता है तो किरायेदार को मंजूरी दे दी जाती है।
किरायेदार के रूप में सक्रिय रहे हैं आतंकी
गौरतलब है कि पूर्व में कई मामलों में आतंकी किरायेदार बनकर जम्मू में पनाह लेते रहे हैं। ऐसे मामलों को रोकने के लिए पुलिस ने इस पोर्टल को सुरक्षा व्यवस्था की दृष्टि से अहम कदम बताया है। जम्मू में जानीपुर, बठिंडी, सुंजवां में किरायेदार के वेष में आतंकी अपने ठिकाने बनाने में कामयाब हो चुके है और पुलिस को उनकी मौजूदगी की भनक तक नहीं थी। |