घटनास्थल पर तैनात प्रशासन की टीम। (जागरण)  
 
  
 
  
 
संवाद सहयोगी, बरोरा। विजयादशमी की देर रात बरोरा में अवैध कोयला कारोबार से जुड़े विवाद ने खूनी संघर्ष का रूप ले लिया और पूरे क्षेत्र का माहौल तनावपूर्ण हो गया।  
 
मंडल केन्दुआडीह इलाके में चल रहे अवैध कोयला कारोबार और रुपये के लेन-देन को लेकर दो गुटों के बीच जमकर मारपीट हुई।  
 
इस झड़प में लगभग आधा दर्जन लोग घायल हो गए, जिसमें एक पक्ष के पप्पू चौहान की हालत गंभीर बताई जा रही है। उनका इलाज इस समय धनबाद में चल रहा है।  
 
  
प्रशासन के फैसले ने बढ़ाया गुस्सा  
 
घटना की सूचना मिलते ही एसडीओ राजेश कुमार और एसडीपीओ पुरुषोत्तम कुमार सिंह सहित बरोरा, मधुबन और बाघमारा थाना की पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने स्थिति नियंत्रित करने के लिए तत्काल चार लोगों को हिरासत में लिया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
हालांकि, सबसे विवादास्पद निर्णय तब लिया गया जब एसडीओ ने एहतियातन मेले को तत्काल बंद करने और चौबीस घंटे के भीतर दुर्गा प्रतिमा विसर्जन का आदेश जारी कर दिया। बाद में भारी पुलिस निगरानी में विसर्जन संपन्न कराया गया।  
 
  
स्थानीय स्वजनों में उबाल  
 
प्रशासन के इस कदम से स्थानीय लोगों में गहरा रोष उत्पन्न हो गया है। लोगों का गुस्सा अवैध कारोबारियों पर जमकर फूट रहा था, जिनकी मनमानी के कारण पर्व की परंपरा और शांति भंग हुई।  
 
वहीं, प्रशासन के खिलाफ भी तीव्र रोष है। स्थानीय लोगो का कहना है कि अवैध कोयला कारोबारियों के निजी झगड़े की कीमत आम जनता को मेला बाधित होने और प्रतिमा का असमय विसर्जन होने के रूप में चुकानी पड़ी है।  
 
  
 
लोगों ने सवाल उठाया है कि प्रशासन अवैध धंधों पर सख्ती क्यों नहीं दिखाता और इसके बजाय जनता के पर्व को क्यों बाधित करता है।  
 
  
 
फिलहाल दोनों पक्षों ने बरोरा थाना में शिकायत दर्ज कराई है और पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है, लेकिन क्षेत्र में तनाव और स्थानीय लोगों में गुस्सा अभी भी बना हुआ है। |