(फाइल फोटो- सोशल मीडिया)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लिवरपूल की प्रीमियर लीग जीत की खुशी में के दौरान भीड़ पर कार चढ़ाने के आरोपी ने अपना गुनाह स्वीकार कर लिया है। उसने कबूल किया कि भीड़ में जानबूझकर कार घुसाई थी। महीनों तक गुनाह न कबुल करने के बाद अप 31 गंभीर अपराधों में ज्यादातर आरोपों पर “दोषी” कहकर सबको चौंका दिया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
दरअसल, लिवरपूल फुटबॉल क्लब की प्रीमियर लीग विजय परेड के दौरान भीड़ पर कार चढ़ाने वाले आरोपी पॉल डॉयल ने महीनों तक 31 आपराधिक आरोपों से मना किया था। पॉल डॉयल पर लगे आरोपों में में लिवरपूल शहर के केंद्र की घटना के दौरान गंभीर शारीरिक क्षति पहुंचाना, घायल करना, झगड़ा करना और खतरनाक ड्राइविंग करना शामिल था।
कोर्ट में जाते ही बदला बयान
ब्रिटेन के युवक ने महीनों तक गुनाह न कबुल करने के बाद बुधवार को अदालत में नाटकीय ढंग से अपनी दलील बदलते हुए टूट गया और उसने स्वीकार किया कि उसने लिवरपूल के प्रीमियर लीग विजय परेड में जानबूझकर अपनी कार भीड़ में घुसा दी थी, जिससे कई लोग घायल हो गए थे।
खुद को बताया दोषी
कोर्ट में सुनवाई के दौरान जब अभियोजक उसके खिलाफ सबूत पेश करने की तैयारी कर रहे थे, तो 54 वर्षीय व्यक्ति ने सनसनीखेज ढंग से अपना बयान बदल दिया। आरोपी पॉल डॉयल ने सूट और चश्मा पहने हुए, वह रो रहा था और फर्श को घूर रहा था और लड़खड़ाती आवाज में हर बार “दोषी“ कह रहा था।
न्यायाधीश एंड्रयू मेनरी ने कहा कि वह 15 दिसंबर से शुरू होकर दो दिनों में सजा सुनाएंगे, उन्होंने आरोपी डॉयल से कहा कि वह “कुछ अवधि की हिरासत की सजा“ के लिए तैयार रहें। सबसे गंभीर अपराधों के लिए अधिकतम सजा आजीवन कारावास है। तीन बच्चों के पिता डॉयल, जो गिरफ्तारी के बाद से ही हिरासत में हैं, सजा सुनाए जाने तक जेल में ही रहेंगे।
भीड़ पर चढ़ाई थी कार
गौरतलब है कि 26 मई को लिवरपूल फुटबॉल क्लब की प्रीमियर लीग विजय परेड के दौरान बड़ी संख्या में समर्थक लिवरपूल के सिटी सेंटर में उमड़ पड़े थे। परेड के लिए सड़कें बंद थी। इसी दौरान डॉयल ने “जानबूझकर अपने वाहन को हथियार के रूप में इस्तेमाल किया और भीड़ में कार चढ़ा दी। मर्सीसाइड पुलिस के अनुसार, उसने 134 लोगों को घायल कर दिया, जिनमें शिशु, अन्य बच्चे और वयस्क शामिल थे। |