झारखंड नगर निकाय चुनाव
जागरण संवाददाता, जामताड़ा। नगर निकाय चुनाव 2025-26 की तैयारियां प्रशासनिक स्तर से तैयारियां से चल रही है। राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राधे श्याम प्रसाद ने सभी जिले को पत्र भेजकर महापौर, अध्यक्ष और वार्ड सदस्य का चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों के लिए अयोग्यता के कई निर्देश जारी किए हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
पत्र के अनुसार झारखंड में होने वाले नगर निकाय चुनाव में दो से अधिक संतान वाले चुनाव में उम्मीदवार नहीं बन सकते हैं। इसमें बताया गया है कि जिनकी आखिरी संतान का जन्म 09 फरवरी 2013 के बाद हुआ है, वह चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।
सभी नगर निकाय में एक साथ चुनाव
राज्य निर्वाचन आयोग ने इसे झारखंड नगरपालिका अधिनियम 2011 के तहत लागू करने का आदेश दिया है। राज्य में सभी नगर निकायों के चुनाव पहली बार एक साथ आयोजित किए जाएंगे, और आयोग ने इसकी तैयारियों को पूरा कर लिया है।
आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि तीन से अधिक संतान वाले उम्मीदवार के मामले में आयोग की प्रति उपायुक्त को भेजी गई है और उनका पालन सुनिश्चित कराया जाएगा।
पत्र में यह भी कहा गया है कि दो से अधिक संतान वाले व्यक्ति केवल तब अयोग्य होंगे, जब उनकी संतानों की संख्या 9 फरवरी 2013 के बाद बढ़ी हो। यदि दो से अधिक संतान उस तिथि तक या उसके पूर्व थी और बाद में इसमें कोई वृद्धि नहीं हुई, तो वह उम्मीदवार चुनाव लड़ सकते हैं।
इसके अलावा, गोद ली गई संतान और जुड़वा संतान की संख्या को भी कुल संतान में शामिल किया जाएगा। स्वघोषणा पत्र भरकर अपने नामांकन पत्र के साथ संलग्न करना अनिवार्य होगा।
बकाया कर वालों की भी होंगे बाहर
नगर निकाय चुनाव 2026 में बकाया कर, शुल्क या किराया चुकाए बिना कोई भी व्यक्ति नामांकन दाखिल नहीं कर सकेगा। राज्य निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि 09 फरवरी 2013 से पूर्व लंबित राशि पर चक्रवृद्धि ब्याज नहीं लगेगा। लेकिन मूल बकाया और सरल ब्याज का भुगतान अनिवार्य होगा। स्वघोषणा पत्र और सत्यापन के दौरान किसी प्रकार की गड़बड़ी मिलने पर नामांकन रद्द कर दिया जाएगा। उन्हें वर्ष 2024 25 तक कर भुगतान करना होगा। |