मांगी गई जानकारी के बदले डाक से भेजे गए कोरे कागज दिखाते अशोक कुमार। जागरण
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी। सूचना का अधिकार अधिनियम का मजाक उड़ाया जा रहा है। मांगी गई जानकारी का देने के बजाय जवाब में सफेद कागज देकर गुमराह किया जा रहा है। गांव चिल्हड़ के रहने वाले अशोक कुमार का आरोप है कि उन्होंने वर्ष 2022 से लेकिन 21 जुलाई 2025 तक के सरपंच द्वारा कराए गए विकास कार्यों, विभिन्न माध्यमों से मिली विकास राशि, खर्च किए गए विवरण और कब कब कहां किस कार्य के लिए राशि खर्च किए गए सहित विभिन्न विवरण विस्तार से मांगी गई थी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इसके सूचना का अधिकार के तहत खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी और जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी के माध्यम से जानकारी देने के लिए आवेदन किया था। इसके लिए निर्धारित शुल्क दो हजार रुपये भी बैंक के माध्यम से जमा करा दिए गए थे। इसके जवाब के रूप में करीब 900 पेज दिए गए।
इसमें कोई बिल्कुल सफेद कागज हैं तो कोई काला प्रिंट है जो बिल्कुल समझ नहीं आ रहा है। 200 रुपये रजिस्ट्री करने के लिए और दो रुपये प्रति कागज के हिसाब से दो हजार रुपये शुल्क जमा कराए थे लेकिन जवाब में सिर्फ खानापूर्ति की गई है।
अशोक कुमार ने बताया कि अब फिर से संबंधित अधिकारियों को सही जानकारी उपलब्ध कराने की गुहार लगाई गई है। पंकज सिंह एडवोकेट ने बताया कि संबंधित अधिकारी सही जानकारी देने के बजाय लोगों को गुमराह कर रहे हैं। |