फाइल फोटो।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल के ब्लड बैंक में गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। हाल ही में ब्लड बैंक का औचक निरीक्षण करने पहुंचे प्रिंसिपल डॉ. दिवाकर हांसदा ने पाया कि ड़यूटी पर तैनात एक भी पदाधिकारी मौके पर मौजूद नहीं था। यह घटना 12 नवंबर की शाम करीब 6.30 बजे की है। ब्लड बैंक जैसी संवेदनशील और जरूरी सेवा में अधिकारियों की अनुपस्थिति को लेकर प्रिंसिपल ने कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने पैथोलॉजी और ब्लड बैंक विभागाध्यक्ष को भेजे पत्र में कहा है कि यह अत्यंत गंभीर लापरवाही है। ब्लड बैंक में सातों दिन, 24 घंटे कम से कम एक चिकित्सक की उपस्थिति अनिवार्य की जाए। इसके लिए रोस्टर तैयार कर तत्काल प्रभाव से चिकित्सकों की तैनाती सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है। प्रिंसिपल ने चेतावनी दी कि भविष्य में ऐसी चूक बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि ब्लड बैंक जैसी महत्वपूर्ण इकाई में किसी भी प्रकार की ढिलाई न केवल अस्पताल की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाती है, बल्कि मरीजों की जान जोखिम में डालती है।
चाईबासा ब्लड बैंक कांड के बाद बढ़ी सतर्कता में भी मिली लापरवाही
गौरतलब है कि हाल ही में चाईबासा ब्लड बैंक में एक बड़ा मामला सामने आया था, जिसमें संक्रमित खून चढ़ाने के कारण कई बच्चे एचआईवी पॉजिटिव पाए गए थे। इस गंभीर प्रकरण के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सभी सरकारी और निजी ब्लड बैंकों में निगरानी और नियमित जांच को अनिवार्य रूप से सख्त करने के निर्देश जारी किए थे।
ऐसे समय में एमजीएम अस्पताल के ब्लड बैंक में इस तरह की लापरवाही सामने आना चिंताजनक है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, ब्लड बैंक जैसे उच्च-संवेदनशील विभाग में तैनात कर्मियों का 24×7 उपलब्ध रहना जरूरी है।
इस औचक जांच ने एक बार फिर ब्लड बैंक प्रबंधन व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अस्पताल प्रबंधन ने आश्वासन दिया है कि दोषियों की पहचान कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें |