ग्रामीणों का कहना है कि तंग और संकरी सड़कों पर ये भारी वाहन आने-जाने वाले लोगों के लिए बड़ी मुसीबत बन चुके हैं। (File Photo)
संवाद सहयोगी जागरण हीरानगर। इन दिनों हीरानगर क्षेत्र के सीमावर्ती गांवों को जोड़ने वाली मुख्य सड़कों पर पराली से लदी ट्रॉलियोंओवरलोडेड डंपरों की आवाजाही बेखौफ जारी है। हीरानगर जंगी चक, बलासा, खू मनियारी और चकड़ा गंगू चक मार्गों पर दिन-रात चल रहे इन भारी वाहनों के कारण दुर्घटना का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि तंग और संकरी सड़कों पर ये भारी वाहन आने-जाने वाले लोगों के लिए बड़ी मुसीबत बन चुके हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
क्षेत्र निवासी सोमनाथ,राज कुमार बिशमवर दास अन्य लोगों का कहना है कि सड़कों पर पराली से लदी हुई ट्रैक्टर-ट्रॉलियां और डंपरों के चलते छोटे वाहनों को बीच सड़क पर रुकना पड़ता है, जिससे जाम की स्थिति बन जाती है। लिंक मार्ग पहले ही संकरे हैं, ऐसे में इन ओवरलोड वाहनों की तेज रफ्तार और बेपरवाह आवाजाही कभी भी किसी बड़े हादसे को जन्म दे सकती है।ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि गांवों में बिना हेलमेट मोटरसाइकिल चलाने पर तुरंत चालान किए जाते हैं, लेकिन पराली और मिट्टी से भरे डंपरों-ट्रॉलियों को रोकने वाला कोई नहीं है।
“सवाल यह है कि नियम सिर्फ आम लोगों के लिए ही क्यों, भारी वाहनों पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं होती ,ग्रामीणों का कहना है कि स्थिति काफी गंभीर हो चुकी है , प्रतिदिन इन मार्गों से स्कूलों के दर्जनों वाहन गुजरते हैं, जिन्हें कई बार घंटों रुकना पड़ता है। शाम के समय, जब आवाजाही बढ़ जाती है और दृश्यता घटने लगती है, तो खतरा और भी अधिक बढ़ जाता है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसे ओवरलोड और बिना परमिट चलने वाले वाहनों पर तत्काल कार्रवाई की जाए ताकि किसी अनहोनी से बचा जा सके। इस संबंध में एसडीएम हीरानगर फुलैल सिंह का कहना है कि एस एच ओ हीरानगर को ओवरलोड वाहनों की आवाजाही पर नजर रखने के लिए कहूंगा ताकि आम जनता को कोई दिक्कत न हो। |