वन विभाग की टीम पर ग्रामीणों का हमला।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रीवा से जहां करंट लगाकर जंगली सूअर का शिकार रोकने गई वन विभाग की टीम पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया। आरोप है कि ग्रामीणों ने वनरक्षक अंशुमान साकेत को कमरे में बंद कर बंधक बना लिया गया और उसके मोबाइल में दर्ज वीडियो और फोटो जबरन डिलीट करा दिए। फिलहाल घटना की सूचना पर मौके पर पहुंची पनवार पुलिस ने वनकर्मी को सुरक्षित बाहर निकाला। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
वनरक्षक अभिभावन चौबे के मुताबिक जंगली सूअर के अवैध शिकार के मामले में रमाकांत कोल को पकड़कर पूछताछ की जा रही थी, तभी पांच से अधिक ग्रामीण मौके पर पहुंचकर वन अमले से भिड़ गए। देखते ही देखते भीड़ आक्रामक हो गई और वनकर्मियों को घेरकर धक्का-मुक्की, मारपीट शुरू हो गई।
दरअसल, मामला जिले के पनवार थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत कल्याणपुर स्थित हरिजनपुरवा का है। इधर हरिजनपुरवा के कई ग्रामीणों ने वन अमले पर गंभीर आरोप लगाए। उनका दावा है कि वन विभाग की टीम घरों में घुसकर महिलाओं से बहसबाजी और गाली-गलौज कर रही थी। बताया गया कि रात आठ बजे वन कर्मियों ने दरवाजा खुलवाने की कोशिश की, जबकि उनके साथ न कोई महिला कर्मचारी थी और न ही सरपंच मौजूद था।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि “असल शिकारी तो बच निकले, और हम आदिवासी परिवारों पर झूठा मुकदमा दर्ज किया जा रहा है और गांव के दबंग हमें फंसाने की कोशिश कर रहे हैं।
इधर वनरक्षक अंशुमान साकेत ने घटनास्थल पर कुछ वीडियो बनाए थे, जिसके कारण ही उसे बंधक बनाया गया। स्थिति बिगड़ने पर सूचना पाकर पनवार पुलिस पहुंची। पुलिस को देखते ही भीड़ भाग निकली और कमरे में बंद वनरक्षक को बाहर निकाला गया। इस घटनाक्रम में वनरक्षक हरीशंकर पाल भी घायल हुए हैं।
वन विभाग ने पकड़े गए आरोपी रमाकांत कोल पर वन अधिनियम के तहत कार्रवाई कर उसे न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। थाना प्रभारी पनवार प्रवीण उपाध्याय, ने बताया कि इस मामले में वन अमले पर हमला, बंधक बनाने और मारपीट का अपराध पंजीबद्ध किया गया है। फिलहाल मुख्य आरोपी फरार है, जिसकी तलाश जारी है। |