जागरण संवाददाता, औरंगाबाद। जिले की राजनीति में इस बार बड़ा बदलाव देखने को मिला है। कुल छह विधानसभा सीटों में चार नए चेहरे पहली बार विधानसभा पहुंचे हैं।
औरंगाबाद से भाजपा के त्रिविक्रम नारायण सिंह, रफीगंज से जदयू के प्रमोद कुमार सिंह, ओबरा से लोजपा (रामविलास) के प्रकाश चंद्रा और गोह से राजद के अमरेंद्र कुमार पहली बार विधायक बने हैं। चारों नेताओं की जीत ने जिले की राजनीतिक तस्वीर को नया आयाम दिया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
कुटुंबा से हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के ललन राम और नबीनगर से जदयू के चेतन आनंद दूसरी बार विधायक बने हैं। इससे पहले वे शिवहर से विधायक थे। हालांकि चेतन आनंद पहली बार इस जिले से निर्वाचित हुए हैं।
छह में से पांच सीटों पर एनडीए का कब्जा हुआ, जबकि केवल गोह सीट राजद ने जीती। इनमें से अमरेंद्र कुमार ही इकलौते महागठबंधन समर्थित विधायक बने हैं। कुटुंबा के ललन राम इस बार विशेष चर्चा में हैं।
वे 2010 में पहली बार विधायक बने थे लेकिन 2015 में कांग्रेस के राजेश राम से हार गए थे। इस बार उन्होंने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम को हराकर दोबारा जीत हासिल की। जिले में यह भी चर्चा है कि ललन राम ने सबसे कम चुनाव खर्च में सबसे अधिक मत 21,525 से जीत दर्ज की है।
जीत के बाद भी उनकी सादगी भरा अंदाज देखने को मिला, जब वे बिना किसी काफिले के सिर्फ एक स्कॉर्पियो से कुटुंबा के लिए रवाना हुए। न वाहनों की लंबी कतार और न समर्थकों की भीड़ थी।
इसके विपरीत अन्य जीते उम्मीदवार मतगणना केंद्र से काफिले और समर्थकों की भारी भीड़ के साथ शहर की ओर निकले, जहां जय-घोष और जश्न का माहौल देखने को मिला। |