प्रतीकात्मक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। नर्सरी में दाखिले की उम्र सीमा के सम्बंध में 20 जून 2025 में दिल्ली सरकार द्वारा जारी परिपत्र को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है। मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय व न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 26 नवंबर को होगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
याचिकाकर्ता दीपिका शर्मा की ओर से अधिवक्ता वैभव शर्मा ने कहा कि दिल्ली सरकार ने 20 जून, 2025 को एक परिपत्र जारी किया था। इसमें प्री-स्कूल के लिए एक नई कक्षा शुरू की गई थी और शैक्षणिक वर्ष 2026-2027 से कक्षा एक में प्रवेश के लिए आयु मानदंड छह वर्ष निर्धारित किया गया था।
उन्होंने तर्क दिया कि दिल्ली सरकार ने वास्तव में एक नई नीति/परिपत्र पेश किया है, जिसके अनुसार बच्चे को कक्षा एक में प्रवेश लेने से पहले प्री-स्कूल एक, प्री-स्कूल दो और प्री-स्कूल तीन की पढ़ाई पूरी करनी होगी, जबकि पहले यह नर्सरी और के.जी. थी, लेकिन अब शैक्षणिक वर्ष 2026-2027 से यह एक नई कक्षा होगी।
याचिका में कहा गया कि आम जनता दो तरह से प्रभावित होगी। पहला, प्री-स्कूल की एक साल की फीस का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा, क्योंकि कक्षा एक में प्रवेश से पहले प्रीस्कूल में दाखिला लेना अनिवार्य हो जाएगा। इसके अलावा, सीमित सीटों के कारण कक्षा एक में सीधे प्रवेश बहुत मुश्किल है।
यह भी कहा गया है कि यदि ऐसा कोई परिपत्र लागू किया जा रहा है, तो यह शैक्षणिक वर्ष 2026-2027 से प्रभावी होना चाहिए, नए प्रवेशों के लिए प्रभावी होना चाहिए, न कि शैक्षणिक वर्ष 2025 में पहले से ही स्कूल में दाखिला ले चुके बच्चों के लिए।
यह भी पढ़ें- Delhi Blast: फोरेंसिक जांच में ‘डायरेक्शनल ब्लास्ट’ की आतंकी साजिश उजागर, पीछे की ओर गई विस्फोट वेव का खुला राज |