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मां मुकरी, पर बच्ची का बयान ही बना दोषी के लिए 20 साल की सजा का आधार; फरीदाबाद कोर्ट का फैसला

Chikheang 2025-10-3 13:36:19 views 1168

  संशोधित : मां मुकरी, पर बच्ची का बयान ही बना दोषी के लिए 20 साल की सजा का आधार





जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। भले ही मां ने कोर्ट में अपने बयान बदल लिया हो लेकिन बच्ची के बयान के साथ जो भी साक्ष्य सामने आए है। वह आरोपित को दोषी साबित करने के काफी है। उसके आधार पर ही दोषी को 20 साल की सजा सुनाई जाती है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

साथ ही बच्ची को जो एक लाख रुपये प्रतिकर राशि देने का फैसला लिया गया है, यह भी बच्ची के खाते में डाली जाए, जो उसे बालिग होने पर मिलेगी। ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि बच्ची की मां अपने बयान से मुकर गई तो अब उसकी विश्वसनीयता संदेहजनक है।



कुछ इस तरह की टिप्पणी के साथ अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हेमराज मित्तल ने फास्ट ट्रैक कोर्ट में एक बच्ची के साथ हुए यौन शोषण के मामले में फैसला सुनाया। जज से दोषी पक्ष ने सजा में राहत की मांग भी की थी, पर कोर्ट ने इस टिप्पणी के साथ राहत देने से इन्कार कर दिया कि यह न्याय के साथ मजाक होगा।

मामला पांच साल पुराना है। पल्ला थाना क्षेत्र में रहने वाले व्यक्ति ने 31 अगस्त 2020 को पुलिस में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि उनकी नौ साल की बच्ची के अंडर गारमेंट में खून लगा हुआ था। इसको लेकर उन्होंने बच्ची से खून के बारे में पूछा। जिस पर बच्ची ने कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद बच्ची के माता पिता उनको पास में स्थित डाक्टर के पास लेकर गए।



डाक्टर ने दवाई देते हुए कहा बच्ची को महिला डाक्टर को दिखाने का सुझाव दिया। फिर अभिभावक बच्ची को महिला डाक्टर के पास ले गए। महिला डाक्टर ने बताया कि बच्ची के साथ छेड़खानी हुई है।

इस बारे में महिला डाक्टर ने बच्ची से पूछा तो उसने डरते हुए बताया कि पास में रहने वाले शेर सिंह नामक व्यक्ति ने उसके साथ गलत काम किया है। बच्ची के अभिभावक जब संबंधित व्यक्ति के घर विरोध जताने गए तो उनके साथ मारपीट की गई।



शिकायत पर पल्ला थाना क्षेत्र ने मामला दर्ज करते हुए आरोपित आटो ड्राइवर शेर सिंह को गिरफ्तार कर लिया। मामले में मां और बच्ची दोनों के बयान दर्ज किए गए। लेकिन मां ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान अपने बयान को बदल लिया पर बच्ची अपनी बयान पर कायम रही। जिसके आधार पर जज ने फैसला सुनाते हुए शेर सिंह को 20 साल की सजा और 60 हजार रुपये जुर्माना लगाया।

कोर्ट में आरोपित पक्ष की ओर से दलील दी कि उनको थोड़ी राहत दी जाए। क्योंकि दोषी घर में कमाने वाला इकलौता है। इस पर जज की ओर से कमेंट करते हुए कहा कि दोषी को राहत देना एक तरह से न्याय का मजाक होगा।
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