Kharmas 2025 (Picture Credit: Freepik) (AI Image)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं के अनुसार, जब सूर्य देव धनु या मीन राशि में प्रवेश करते हैं, तभी से खरमास की शुरुआत मानी जाती है। क्योंकि इस दौरान सूर्य देव की ऊर्जा कम हो जाती है। 16 दिसंबर को 2025 को सूर्य धनु राशि में प्रवेश करेंगे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
ऐसे में खरमास (Kharmas 2025) की शुरुआत 16 दिसंबर 2025 से होगी, जिसका समापन 14 जनवरी 2026 को होगा। धनु राशि बृहस्पति की राशि है। ऐसे में इस दौरान किए गए शुभ कार्यों में देवगुरु बृहस्पति और सूर्य देव की कृपा प्राप्त नहीं होती।
सूर्य देव को इस तरह अर्पित करें जल
- सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि से निवृत हो जाएं।
- एक तांबे के लोटे में जल लेकर और उसमें लाल फूल व रोली डालें।
- सूर्य देव को जल अर्पित करते समय ॐ सूर्याय नम: मंत्र का जप करें।
- जल इस तरह अर्पित करें कि जल की गिरती धार से आप सूर्य की किरणों को देख सकें।
- सूर्य देव को नमस्कार कर सुख और समृद्धि की कामना करें।
इन चीजों के दान से आएगी समृद्धि
खरमास में दान-पुण्य भी बहुत ही शुभ माना जाता है। ऐसे में आप खरमास में अपनी क्षमता के अनुसार, गरीबों व जरूरतमंद लोगों के बीच अन्न और धन का दान कर सकते हैं। इसके साथ ही खड़े मूंग या मसूर की दाल, गुड़ व लाल चंदन का दान करने से भी आपको शुभ फल मिल सकते हैं। इससे सूर्य देव प्रसन्न होते हैं और साधक की जीवन की बाधाओं को दूर करते हैं।
करें इन मंत्रों का जप
खरमान में सूर्य देव के मंत्रों का जप करना भी उनकी कृपा प्राप्ति का एक उत्तम उपाय माना गया है। इसके साथ ही आप सूर्य चालीसा का भी पाठ कर सकते हैं। चलिए पढ़ते हैं सूर्य देव की कृपा प्राप्ति के मंत्र -
1. ॐ सूर्यनारायणायः नमः।
2. ऊँ घृणि सूर्याय नमः
3. सूर्य ग्रह के 12 मंत्र -
ॐ आदित्याय नमः।
ॐ सूर्याय नमः।
ॐ रवेय नमः।
ॐ पूषणे नमः।
ॐ दिनेशाय नमः।
ॐ सावित्रे नमः।
ॐ प्रभाकराय नमः।
ॐ मित्राय नमः।
ॐ उषाकराय नमः।
ॐ भानवे नमः।
ॐ दिनमणाय नमः।
ॐ मार्तंडाय नमः।
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