जीतेंद्र सिंह जीत, जागरण, कुरुक्षेत्र। धर्मनगरी कुरुक्षेत्र के पावन गीता स्थल ज्योतिसर की धरती पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को 22 मिनट का संबोधन दिया। कुरुक्षेत्र में यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का छठा संबोधन था। अपने चिर-परिचित अंदाज और बुलंद आवाज में प्रधानमंत्री के 22 मिनट तक चले संबोधन के पंडाल में कोई शोर-शराब नहीं हुआ और पूरी संगत ने ध्यान से उनकी बातें सुनीं। इसी प्रकार मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मंच से 14 मिनट का संबोधन दिया। इस दौरान उन्होंने सिखों के बहादुरी के इतिहास और हरियाणा सरकार द्वारा सिखों के लिए किए गए कार्यों का जिक्र जोर-शोर से किया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री एवं पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, राव इंद्रजीत, कृष्ण पाल गुर्जर के अलावा हरियाणा कैबिनेट से अनिल विज, श्याम सिंह राणा, श्र्रुति चौधरी, कृष्ण बेदी, कृष्ण पंवार, राव नरवीर, अरिवंद शर्मा, रणबीर गंगवा शामिल थे। अगर बात करें ऊपर मंच और नीचे बैठने की व्यवस्था की तो सबसे ऊपर गुरु ग्रंथ साहिब का प्रकाश था। उसके बाद बने मंच पर सामने से देखें तो बायं ओर पटियाला के प्ले वे सीनियर सेकेंडरी स्कूल के 350 बच्चे बैठे थे, जिन्होंने नौवें महल्ला के सुलेख का गायन किया। दाईं ओर दो माइक सेट किए गए थे। एक पर उद्घोषिका सतिंद्र सत्ती घोषणा कर रहीं थीं और उसी से मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भी अपना संबोधन दिया। उससे थोड़ी दूरी पर सेंटर की तरफ दूसरा माइक सेट था, जिससे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपना संबोधन दिया। उसके बाद लगभग 15 फुट जगह खाली थी। उसके बाद प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री सहित केंद्रीय व हरियाणा मंत्रिमंडल के मंत्री बैठे थे। उसके बाद लगभग 40 फुट के दो बैरिकेड्स के ब्लाक खाली रखे गए थे। उसके बाद बने ब्लाक में भी कुछ वीआईपी बैठे थे, जिनमें कुरुक्षेत्र सांसद नवीन जिंदल, हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के पदाधिकारी और सदस्य आदि शामिल थे।
सीएम ने राज्यपाल को हाथ पकड़ कर रोका
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, राज्यपाल प्रो. असीम घोष और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी जैसे ही पंडाल में पहुंचे तो वे सबसे पहले गुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष पहुंचे वहां पहुंच कर मुख्यमंत्री तो थोड़ा पहले रुक गए, लेकिन राज्यपाल पीएम के साथ ही जाने लगे। ऐसे में पहले सीएम ने उन्हें रुकने का इशारा किया, लेकिन वे इशारा नहीं देख पाए तो सीएम ने उन्हें हाथ पकड़ कर रोक लिया। दरअसल, प्रोटोकाल के अनुसार जब प्रधानमंत्री शीश नवा रहे हैं तो वे अकेले ही ऐसा करते हैं, उनके साथ कोई भी नहीं होता। इस कारण सीएम ने राज्यपाल को याद दिलाते हुए उनका हाथ पकड़ कर रोक लिया। |