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जम्मू का सबसे पुराना SMGS अस्पताल अब बनेगा सबसे सुविधाजनक, जानिए प्रसव कराने वाली महिलाओं को मिलेगी किस तरह की राहत!

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चार अतिरिक्त आपरेशन थियेटर बनने से परेशानी दूर होगी।



रोहित जंडियाल, जम्मू। प्रसव करवाने के लिए जम्मू के श्री महाराजा गुलाब सिंह अस्पताल में आने वाली महिलाओं की कुछ दिनों में दिक्कतें कम होने जा रही है। श्री महाराजा गुलाब सिंह अस्पताल में दो सौ से बिस्तरों की क्षमता वाला एक और अतिरिक्त ब्लाक बनकर तैयार हो गया है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला दिसंबर महीने के पहले सप्ताह में इसका उदघाटन कर सकते हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें


श्री महाराजा गुलाब सिंह अस्पताल जम्मू-कश्मीर का सबसे पुराना अस्पताल है। महाराजा हरि सिंह ने छह मई 1940 को इसका उदघाटन किया था।इस अस्पताल में ही जम्मू संभाग के अतिरिक्त कश्मीर व लद्दाख के यहां पर रहे रही महिलाएं भी प्रसव के लिए आती हैं। औसतन 60-70 प्रसव यहां होते हैं। लेकिन अभी स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग के पास लेबर रूम व वार्ड को मिलाकर 250 बिस्तर ही है।इस कारण यहां पर महिलाओं को काफी परेशानी होती है। एक ही बेड पर दो-दो महिलाओं को भर्ती किया जाता है।
243 बिस्तरों की क्षमता वाला नया ब्लाक तैयार

लेकिन अब करीब पच्चीस करोड़ रुपयों की लागत से 243 बिस्तरों की क्षमता वाला नया ब्लाक तैयार किया गया है। चार मंजिला इस इमारत के ग्राउंड फ्लोर पर लेबर रूम बनाया गया है।पहली मंजिल में चार माडयूलर और आधुनिक सुविधाओं से लैस आपरेशन थियेटर हैं।तीसरी और चौथी मंजिल पर रिकवरी और सामान्य वार्ड हैं।हर मंजिल को इस प्रकार से तैयार किया गया है कि प्रसव के लिए आने वाली महिला को कोई परेशानी न हो।

सभी 243 विस्तरों में अाक्सीजन की व्यवस्था भी है। इसके लिए अलग से लिक्यूड आक्सीजन प्लांट लगाया जा रहा है। इस ब्लाक के तैयार होने से अब विभाग के पास 500 बिस्तर हो जाएंगे।यह ब्लाक लगभग बनकर तैयार है और इसे अब मरीजों को समर्पित करने के लिए अंतिम रूप दिया जा रहा है। दिसंबर महीने के पहले सप्ताह तक मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला द्वारा इसका उदघाटन करने की तैयारी की जा रही है।
दस से पंद्रह दिनों के भीतर किया जाएगा समर्पित

श्री महाराजा गुलाब सिंह अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. दारा सिंह का कहना है कि नया ब्लाक बनकर तैयार हो गया है। दस से पंद्रह दिनों के भीतर इसे मरीजों को समर्पित करने की तैयारी है। इस अस्पताल में विभिन्न भागों से महिलाएं प्रसव करवाने के लिए आती हैं और इस पर उनका विश्वास भी है।अभी सीमित विस्तरों के कारण कई बार महिलाओं को परेशानी होती है। मगर नया ब्लाक बनने से परेशानी दूर हो जाएगी।महिलाअों को अब बेड के लिए परेशानी नहीं होगी और हर महिला को अलग-अलग बेड पर रखा जाएगा।सीजेरियन के लिए भी महिलाओं को प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ेगी। चार अतिरिक्त आपरेशन थियेटर बनने से परेशानी दूर होगी।
ऐसे हुआ अस्पताल का विस्तार

वर्ष 1940 में जब अस्पताल का निर्माण हुआ तो उस पर मात्र आठ लाख रुपये खर्च आए थे। अस्पताल की क्षमता मात्र 170 बिस्तर थी। बाद में इसे बढ़ाकर 570 किया गया। इसके बाद 200 विस्तरों की क्षमता वाला बाल रोग विभाग बना। अब 243 विस्तरों की क्षमता वाला नया ब्लाक बना।वर्ष 1943 में जम्मू में जब मेडिकल कालेज खुला तो यह अस्पताल उसका हिस्सा बना था।उस समय सभी विभाग इसी अस्पताल में थे। वर्ष 1993 में जब मेडिकल कालेज बख्शीनगर में बना तो इस अस्पताल में चार विभाग ही रह गए। इनमें स्त्री एवं प्रसूति विभाग, बाल रोग विभाग, त्वचा रोग विभाग और ईएनटी विभाग शामिल हैं।
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