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आरबीआइ गवर्नर संजय मल्होत्रा ने सोमवार को एक साक्षात्कार में कहा कि रेपो रेट को कम करने की गुंजाइश बरकरार है।
दिल्ली। आरबीआइ गवर्नर संजय मल्होत्रा ने सोमवार को एक साक्षात्कार में कहा कि रेपो रेट को कम करने की गुंजाइश बरकरार है और अक्टूबर में हुई मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में यह स्पष्ट रूप से कहा भी कहा गया था। उन्होंने कहा कि तब से हमें जो आर्थिक आंकड़े मिल रहे हैं, वह इस गुंजाइश को कम करते नहीं दिख रहे हैं। मल्होत्रा ने कहा कि ब्याज दरों को कम करने की गुंजाइश जरूर है, लेकिन इस पर अंतिम फैसला एमपीसी की बैठक में होगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
विष्य में ब्याज दरों में कटौती की है गुंजाइश
एमपीसी ने 2025 की पहली छमाही में ब्याज दरों में कुल 100 आधार अंकों की कटौती की थी, लेकिन अगस्त से इस पर रोक लगी हुई है। अक्टूबर में हुई बैठक के मिनट्स से पता चलता है कि एमपीसी सदस्यों ने संकेत दिया है कि देश महंगाई परिदृश्य ज्यादा नरम होने पर भविष्य में ब्याज दरों में कटौती की गुंजाइश है।
अक्टूबर में भारत की खुदरा महंगाई 0.25 फीसदी के रिकार्ड निचले स्तर पर आ गई, जिसकी वजह खाने की चीजों की कीमतों में भारी गिरावट और कंज्यूमर गुड्स पर टैक्स में कटौती थी।
भारत के 10-साल के बेंचमार्क बांड यील्ड में थोड़ी कमी
इससे दिसंबर में आरबीआइ के ब्याज दरों में कटौती का रास्ता साफ हो गया है। गवर्नर की टिप्पणियों के बाद भारत के 10-साल के बेंचमार्क बांड यील्ड में थोड़ी कमी आई है। मल्होत्रा ने यह भी कहा कि रुपये में हालिया गिरावट स्वाभाविक रही है और रुपये में 3-3.5 फीसदी सालाना गिरावट ऐतिहासिक औसत के अनुरूप है। बता दें कि आरबीआइ करेंसी में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव होने पर दखल देता है।
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