झारखंड प्रदेश सीटू के नए अध्यक्ष अरूप चटर्जी (बीच में) और अन्य। (फोटो जागरण)
जागरण संवाददाता, धनबाद। भारतीय ट्रेड यूनियन केंद्र (CITU) झारखंड प्रदेश का तीन दिवसीय सम्मेलन रविवार को धनबाद के कोयला नगर में संपन्न हो गया। सम्मेलन में मजदूर आंदोलन को व्यापक दिशा देने एवं सीटू को विभिन्न सेक्टरों के श्रमिकों का प्रतिनिधि संगठन बनाने की कार्ययोजना बनाई गई।
सम्मेलन में कोयला, लौह अयस्क, इस्पात, बिजली, कॉपर, बॉक्साइट, पत्थर, निर्माण, ट्रांसपोर्ट, माइका, बीड़ी सेक्टर समेत विभिन्न परियोजनाओं जैसे आंगनबाड़ी, मिड-डे मील वर्कर और संविदा-निविदा आधारित नर्सेज यूनियनों के 347 निर्वाचित प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
सम्मेलन में कोल इंडिया की तीनों कंपनियां-बीसीसीएल, ईसीएल, सीसीएल—और उनकी आनुषंगिक कंपनी सीएमपीडीआई यानी कोयला उद्योग तथा सेल से प्रतिनिधियों की संख्या सबसे अधिक थी।
सम्मेलन में सीटू महासचिव द्वारा पेश की गई राजनीतिक-सांगठनिक प्रतिवेदन पर विभिन्न यूनियनों से 83 प्रतिनिधियों ने बहस में हिस्सा लिया।
सम्मेलन द्वारा लेबर कोड को रद्द किए जाने, नई श्रम नीति वापस लेने, विस्थापन की पुरानी और नई समस्याओं का निश्चित समय सीमा में समाधान करने, विस्थापितों को रोजगार, पुनर्वास और मुआवजे का भुगतान सुनिश्चित करने तथा सांप्रदायिक विचारधारा के खिलाफ अभियान चलाए जाने से संबंधित प्रस्ताव पारित किए गए।
सम्मेलन में 43 सदस्यीय पदाधिकारी मंडल और 70 सदस्यीय राज्य कमेटी का चुनाव किया गया। जिसमें निरसा के विधायक अरूप चटर्जी अध्यक्ष, विश्वजीत देब महासचिव और प्रतीक मिश्र कोषाध्यक्ष चुने गए।
सम्मेलन में मुख्य रूप से भुवन सिंह, सीटू के राज्य उपाध्यक्ष प्रकाश विप्लव, सुरेश प्रसाद गुप्ता, सुंदरलाल महतो, पूनम कुमारी, सपन बनर्जी, जयनारायण महतो, धर्मदेव सिंह, सुभाष महतो, शंकर प्रजापति, मानस चटर्जी, लखनलाल मंडल, फूलचंद मांझी, राजीव बोस, उदय सिंह, लीलामय गोस्वामी, राम बालक, ए.के. मिश्रा ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। |