बरेली उपद्रव की फाइल फोटो का प्रयोग किया गया है।
जागरण संवाददाता, बरेली। उपद्रव के लिए आइएमसी के पूर्व जिला अध्यक्ष नदीम खां ने ही शाहजहांपुर से दोनों बदमाशों को बुलाया था। यह बात दोनों ने स्वयं स्वीकारी है। उनका प्रमुख काम था कि पुलिस पर फायरिंग करना और पूरे शहर में दंगा फैलाना। मगर पुलिस की सतर्कता की वजह से शहऱ आग की लपटों में जलने से बच गया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
बाहर के कई लोगों के शामिल होने की आशंका
पुलिस ने जब शाहजहांपुर के मदनापुर निवासी इदरीश और इकबाल को मुठभेड़ में गिरफ्तार करने के बाद पूछताछ शुरू की तो उन्होंने बताया कि, घटना से कुछ दिन पहले नदीम ने ही उन्हें फोन किया था। बरेली आकर उन्हें उपद्रव में शामिल होने की बात कही थी।
बिहार, पश्चिम बंगाल व शाहजहांपुर के नाम सामने
इसी के बाद दोनों घटना से महज एक दिन पहले ही बरेली में आए थे। आरोपितों ने बताया कि उपद्रव में सबसे पहले उन्हीं लोगों ने फायरिंग भी की जिससे भगदड़ और मची।
बिहार और पश्चिम बंगाल के आरोपितों की चल रही जांच, बरेली में कब से कर रहे थे निवास
इसी भीड़ में उन्होंने पुलिस से गन छीनी और फरार हो गए। दोनों आरोपित छीनी गई गन को मीरगंज में बेचने के लिए जा रहे थे इसी बीच सीबीगंज पुलिस ने उन्हें घेर लिया। खुद को पुलिस से घिरता देख उन्होंने तमंचे से पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी।gurgaon-general,Gurgaon news,Manesar registry,PAN card violation,Income tax report,Real estate fraud,Property registration,Tax evasion,Manesar land deal,Gurgaon property,Haryana registry,Haryana news
जवाबी कार्रवाई में दोनों के पैर में गोली लगी है। इदरीश के दाएं और इकबाल के बाएं पैर में गोली लगी। पुलिस ने सीसीटीवी व ड्रोन कैमरों की वीडियो की मदद दोनों आरोपितों की पहचान की थी। इसी के बाद उन्हें पकड़ा जा सका।
बाहर के लोग भी हुए थे शामिल, विवेचना में स्पष्ट
एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि, उपद्रव के बाद जब जांच शुरू हुई तो स्पष्ट हुआ कि इस उपद्रव के लिए बाहर से लोगों को बुलाया गया था। कहां-कहां के लोग इसमें शामिल थे इसकी जांच पुलिस की टीमें कर रही हैं। अभी तक की जांच में चार उपद्रवी बिहार और पश्चिम बंगाल के और दो आरोपित शाहजहांपुर के आना स्पष्ट हो गए हैं।
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